CAA लागू होने के एक दिन बाद मुस्लिम संगठन सुप्रीम कोर्ट गया, कहा- 'सीएए 'असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण'
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग CAA पर विरोध को लेकर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के कार्यान्वयन को रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक तत्काल आवेदन दायर किया।मुस्लिम निकाय की कानूनी चुनौती (Muslim body’s legal challenge) केंद्र सरकार द्वारा सीएए के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित करने के एक दिन बाद आई है और कानून पारित होने के चार साल बाद, अपनी याचिका में, मुस्लिम निकाय का तर्क है कि सीएए 'असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण' है, खासकर मुसलमानों के खिलाफ।
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, सीएए के तहत नागरिकता देना शुरू करने के सरकार के फैसले ने अधिनियम को लेकर विवाद फिर से शुरू कर दिया है। गौर हो कि 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित, सीएए ने पूरे भारत में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, इन विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में दिल्ली शामिल रहा, जहां महीनों तक प्रदर्शन जारी रहा, खासकर जामिया मिलिया इस्लामिया और शाहीन बाग में।
CAA के विरोध में पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसक दंगे हुए
विरोध प्रदर्शनों के अलावा, सीएए ने सांप्रदायिक तनाव में भी योगदान दिया, जिसके कारण 2020 की शुरुआत में पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसक दंगे हुए। दंगों के परिणामस्वरूप कई लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए थे।
नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गये हैं
विरोध और प्रदर्शन के बावजूद, केंद्र सोमवार को सीएए के कार्यान्वयन के लिए आगे बढ़ा गजट अधिसूचना के अनुसार, नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गये विपक्षी नेताओं ने सीएए नियमों को अधिसूचित करने के लिए केंद्र की आलोचना की और आरोप लगाया कि भाजपा आम चुनाव से पहले समाज को विभाजित करने और माहौल का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है।
स्टालिन ने इसे भाजपा का "विभाजनकारी एजेंडा" बताया
वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे भाजपा का "विभाजनकारी एजेंडा" बताया और कहा कि "लोग उन्हें (भाजपा को) करारा सबक सिखाएंगे", नए लागू नियमों के तहत, नरेंद्र मोदी सरकार पड़ोसी देशों के सताए हुए गैर-मुस्लिम प्रवासियों, जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं, को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने की योजना बना रही है। यह कदम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे अल्पसंख्यकों को शरण प्रदान करने के केंद्र के उद्देश्य के अनुरूप है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें
आज की ताजा खबर Live 12 दिसंबर-2024 हिंदी न्यूज़: उपासना स्थल अधिनियम 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई, जनवरी में इस्तीफा देंगे FBI निदेशक; पढ़ें हर छोटी-बड़ी खबरें
अतुल सुभाष का नाम ले-लेकर रोती रहीं उनकी मां, मीडिया के सामने मूर्छित हुईं, कहा-मेरे बेटे को प्रताड़ित किया गया, Video
प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज होगी सुनवाई
MVA छोड़ने को तैयार है कई नेता, हो सकते है महायुति में शामिल; बावनकुले के दावे से मचा हड़कंप
'अटल जी के साथ देखी राज कपूर की फिल्म 'फिर सुबह होगी', कपूर परिवार से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने साझा कीं पुरानी यादें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited