Mahakumbh Trains: महाकुम्भ 2025 के दौरान रिकॉर्ड 17000 से अधिक ट्रेनें चलाई गईं!, पिछले कुंभ की तुलना में 'चार गुना' ज्यादा

Trains During Mahakumbh 2025: भारतीय रेल ने प्रयागराज के नौ प्रमुख स्टेशनों पर व्यापक तैयारी कि थी, जिसमें आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए दूसरा प्रवेश द्वार, 48 प्लेटफ़ॉर्म और 21 फ़ुट ओवर ब्रिज (FoB) का निर्माण किए गए थे

Trains During Mahakumbh 2025

महाकुम्भ 2025 के दौरान 17000 से अधिक ट्रेनें चलीं

मुख्य बातें
  • महाकुम्भ के लिए 13,000 निर्धारित ट्रेनों के बदले 17,152 ट्रेनें चलाई गई
  • जो पिछले कुम्भ से 4 गुना अधिक हैं इसमें विशेष ट्रेनें, 7,667 और नियमित ट्रेनें 9,485 यानी करीब 17,152 ट्रेनें
  • प्रयागराज के 9 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 4.24 करोड़ यात्रियों के लिए प्रबंधन किया गया

Trains During Mahakumbh 2025: महाकुम्भ 2025 के लिए भारतीय रेल ने अपनी योजना से कहीं अधिक ट्रेन चलाई। कुल 17,152 ट्रेनों का संचालन किया गया, जो कि नियोजित 13,000 ट्रेनों से अधिक था और पिछले कुंभ की तुलना में चार गुना ज्यादा थी। इसमें 7,667 विशेष ट्रेनें और 9,485 नियमित ट्रेनें शामिल थीं।

महाकुम्भ में कुल 66 करोड़ श्रद्धालु सम्मिलित हुए, जिनमें से केवल प्रयागराज के नौ प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 4.24 करोड़ यात्रियों के लिए प्रबंधन किया गया।

भारतीय रेल ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी चिकित्सा और आपातकालीन सहायता प्रणाली लागू की।

महाकुम्भ-2025 के दौरान भारतीय रेल द्वारा की गई तैयारियां:-

● सभी मालगाड़ियों को डीएफसी में डायवर्ट किया गया।

● कुम्भ क्षेत्र में +200 रेक उपलब्ध कराए गए, जिसमें दोनों तरफ से ट्रेन सेट या इंजन हैं। (शंटिंग संचालन से बचने के लिए)

● महाकुम्भ क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में 5,000 करोड़ निवेश व विकास कार्य हुआ।

○ बनारस-प्रयागराज दोहरीकरण (गंगा पुल सहित)

○ फाफामऊ-जंघई दोहरीकरण

● महाकुम्भ के लिए 13,000 निर्धारित ट्रेनों के बदले 17,152 ट्रेनें चलाई गई, जो पिछले कुम्भ से 4 गुना अधिक हैं (विशेष ट्रेनें, 7,667 और नियमित ट्रेनें 9,485 = 17,152)

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● कुम्भ में आने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 66 करोड़ (जिनमें से प्रयागराज के 9 कुम्भ रेलवे स्टेशनों पर 4.24 करोड़ यात्रियों द्वारा यात्रा की गई)

प्रयागराज क्षेत्र में यात्री सुविधाएं-

● 9 रेलवे स्टेशन, सभी पर दूसरा प्रवेश द्वार, 48 पीएफ, 21 एफओबी

● 1,186 सीसीटीवी (फेस रिकॉग्नाइजन वाले 10% कैमरे), निगरानी के लिए ड्रोन

● 23 स्थायी होल्डिंग क्षेत्र

● प्रयागराज, नैनी, छिवकी और सूबेदारगंज में 12 भाषाओं में घोषणा और 23 भाषाओं में सूचना बुकलेट

● 554 टिकट काउंटर (151 मोबाइल यूटीएस) और क्यूआर आधारित टिकटिंग सुविधा

● 21 आरओबी/आरयूबी: सड़क के साथ-साथ रेल की गतिशीलता में सुधार

● कलर कोडिंग: यात्रियों की सरलता से पहचान और दिशा-वार अलग-अलग मार्गदर्शन के लिए होल्डिंग क्षेत्रों एवं टिकटों की कलर कोडिंग।

- लाल: लखनऊ, अयोध्या

- नीला: डीडीयू, सासाराम, पटना

- पीला: मानिकपुर, झांसी, सतना, कटनी, एमपी क्षेत्र

- हरा: कानपुर, आगरा, दिल्ली

5 स्तरीय निगरानी प्रणाली:

पीएफ/ होल्डिंग एरिया → स्टेशन → डिवीजन → जोनल → रेलवे बोर्ड वॉर रूम

13,000 अतिरिक्त कर्मचारी तैनात

● आरपीएसएफ महिला टीम की 2 बटालियन, 22 डॉग स्क्वॉड, 1000 से अधिक सफाई कर्मचारी, 1,500 से अधिक टीटीई और बुकिंग कर्मचारी, 3,000 से अधिक रनिंग स्टाफ (गार्ड, ड्राइवर और सहायक ड्राइवर)

● 3 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई

विशेष व्यवस्था की गई

● महत्वपूर्ण स्टेशनों पर यात्रियों के लिए 20 एकड़ क्षेत्र में पर्याप्त होल्डिंग एरिया बनाए गए।

● यात्रियों की आवाजाही को नियंत्रित करने और मार्गदर्शन करने के लिए फिक्सड बैरिकेडिंग, अलग-अलग रास्ते व साइनेज।

● 24 x 7 रेल जनशक्ति की तैनाती: पीक समय में अधिक कर्मचारी।

○ भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्काउट/गाइड की मदद।

● मुख्य सचिव, डीजीपी, जिला कलेक्टरों और एसपी, मजिस्ट्रेट और थानों के साथ समन्वय

फोकस्ड

● व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से राज्य सरकार के साथ बेहतर समन्वय व निगरानी एवं भीड़ की आवाजाही + बल्क बस मूवमेंट + वाहनों की आवाजाही की लाइव निगरानी की गई।

● अतिरिक्त टिकट व्यवस्था: होल्डिंग क्षेत्रों में अतिरिक्त खिड़कियां (पोर्टेबल यूटीएस काउंटर)

● पीए सिस्टम और मेगाफोन द्वारा स्टेशन क्षेत्र और प्लेटफार्मों पर नियमित मैनुअल घोषणाएं।

● आवश्यकतानुसार यात्रियों की भीड़ को मैनेज करने के लिए विशेष मेला ट्रेनें।

● अतिरिक्त ठहराव: भारी भीड़ को संभालने व यात्रियों के चढ़ने/उतरने में सहायता के लिए नियमित मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को प्रदान किया गया।

● 5 स्तरीय समन्वय: पीएफ→स्टेशन→डिवीजन→जोनल→रेलवे बोर्ड वार रूम

○ प्लेटफॉर्म, एफओबी, प्रवेश/निकास और होल्डिंग क्षेत्रों में भीड़ का अत्याधिक आवागमन और सीसीटीवी निगरानी।

● पूछताछ काउंटर और होल्डिंग क्षेत्रों में केंद्रीय सहायता डेस्क।

● बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं

● सर्कुलेटिंग एरिया/स्टेशनों में खान-पान की सुविधा बढ़ाई गई।

● सिविल/जिला प्रशासन की मदद से एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और मोबाइल शौचालय की व्यवस्था की गई।

● यात्रियों की मुफ्त आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए पार्सल यातायात को प्रतिबंधित किया गया।

● अन्य डिवीजन के कर्मचारियों की ऐप आधारित तैनाती और उनके आराम की व्यवस्था

● रेक, कोच और लोको की निगरानी

● वाराणसी-प्रयागराज सेक्शन में एक महीने में अंतिम 34 किलोमीटर की ट्रैक लिंकिंग के लिए जनशक्ति की तैनाती में हितधारकों को सहायता।

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भावना किशोर author

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मूल की भावना ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIMC से 2014 में पत्रकारिता की पढ़ाई की. 10 सालों से मीडिया में काम कर रही हैं. न्यू...और देखें

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