Jammu Kashmir: क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस में पड़ गई दरार? उमर अब्दुल्ला और पार्टी नेता के बीच जुड़ी जुबानी जंग

Jammu Kashmir Politics: उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) में क्या दरार पड़ने वाली है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी के नेता के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं कि आखिर ये माजरा क्या है।

Omar Abdullah vs Aga Syed Ruhullah Mehdi

उमर अब्दुल्ला और आगा रूहुल्ला मेहदी।

Omar Abdullah vs Aga Syed Ruhullah Mehdi: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी के लोकसभा सदस्य आगा रूहुल्ला मेहदी के बीच बृहस्पतिवार को वाकयुद्ध छिड़ गया। पिछले महीने उमर अब्दुल्ला के आवास के बाहर आरक्षण विरोधी प्रदर्शन में मेहदी के शामिल होने को लेकर यह बयानबाजी हुई।

उमर अब्दुल्ला और आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी के बीच जुबानी जंग

मीडिया से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मेहदी लोकसभा सत्र के दौरान जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दिल्ली में भी इसी तरह का प्रदर्शन करेंगे। मेहदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए इस ‘‘चुनौती’’ को स्वीकार किया।

श्रीनगर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद मेहदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे राज्य के दर्जे की बहाली के लिए दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन करने की इच्छा के बारे में पता चला है। मैं इस तरह के विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने के लिए तैयार हूं और राज्य के दर्जे को प्राथमिकता देने वालों को इसे आयोजित करने के लिए आमंत्रित करता हूं। मैं कम से कम 100 से अधिक सांसदों का समर्थन जुटाने की कोशिश करूंगा। मेरा मानना है कि उनके लिए इसे आयोजित करने के लिए जनवरी से बेहतर कोई समय नहीं है, जब भारत का संविधान - वह दस्तावेज जिसने हमारे विशेष दर्जे को सुनिश्चित किया - अपनाया गया था।’’

अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई को प्राथमिकता देने पर जोर

मेहदी ने संविधान के अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए कहा कि 2019 के बाद से उनका राजनीतिक रुख बिल्कुल साफ है। उन्होंने कहा, ‘‘बडगाम में मेरी शुरुआती सार्वजनिक सभाओं में से एक में और फिर पूरे कश्मीर में अन्य सभाओं में और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के निरस्त होने के बाद मेरे साक्षात्कारों में, मैंने अपने लोगों से कहा कि हमारी लड़ाई 370 की बहाली और जम्मू कश्मीर के लोगों के सम्मान के लिए होनी चाहिए।’’

इससे पहले अब्दुल्ला ने कहा था कि वह मेहदी से वैसे ही संवाद करते हैं जैसे वह अपनी पार्टी के अन्य सहयोगियों से करते हैं। जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या दोनों नेताओं के बीच संवाद टूट गया है, तो उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि मैं पहले उन्हें सुप्रभात संदेश भेजता था। मैं उनसे वैसे ही बातचीत करता हूं जैसे मैं अपने अन्य सहयोगियों से करता हूं।’’

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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