BAPS Hindu Mandir: खाड़ी देश के सबसे बड़े हिंदू मंदिर का अयोध्या से है खास कनेक्शन, अबू धाबी में आज PM करेंगे हिंदू मंदिर उद्घाटन

BAPS Hindu Temple connection with Ayodhya: बचपन की अवस्था में स्वामीनारायण कई नामों से जाने गए। छपिया में ही मार्कंडेय ऋषि ने इन्हें हरि, कृष्णा और नीलकंठ नाम दिया। पीपलाना के रामानंद स्वामी ने इन्हें सहजानंद स्वामी, नारायण मुनि की उपाधि दी।

अबू धाबी में स्वामीनारायण मंदिर।

BAPS Hindu Temple: अबू धाबी में नागर शैली में पत्थरों से निर्मित पहले भव्य हिंदू मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने जा रहा है। इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) ने बनाया है। इस स्वामीनारायण संप्रदाय का राम नगरी अयोध्या से खास कनेक्शन है। इस संप्रदाय के जनक स्वामीनारायण का जन्म अयोध्या के पास रामनवमी के दिन छपिया गांव में हुआ था। इनका बचपन का नाम घनश्याम पांडे थे। 1792 में 11 वर्ष की आयु में सात साल की तीर्थ यात्रा पर निकल गए।

बचपन का नाम था घनश्याम पांडे

घनश्याम पांडे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। बताया जाता है कि पांच वर्ष की अवस्था में ही इन्होंने पढ़ना-लिखना शुरू कर दिया। आठ साल के होने तक इन्होंने अनेक शास्त्रों को पढ़ लिया। 11 साल की उम्र में वह घर छोड़कर निकले और पूरे देश की परिक्रमा कर ली। देश के जिस-जिस हिस्से से ये गुजरे इनकी आध्यात्मिक ऊर्जा एवं उपदेशों से लोग प्रभावित हुए और इनके भक्त बनते गए। देश भ्रमण करते हुए जब ये गुजरात पहुंचे तो यहां इन्होंने अपने संप्रदाय की शुरुआत की।

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एकांतिक धर्म की स्थापना की

बचपन की अवस्था में स्वामीनारायण कई नामों से जाने गए। छपिया में ही मार्कंडेय ऋषि ने इन्हें हरि, कृष्णा और नीलकंठ नाम दिया। पीपलाना के रामानंद स्वामी ने इन्हें सहजानंद स्वामी, नारायण मुनि की उपाधि दी। घनश्याम पांडे ने अपने लिए स्वामीनारायण नाम खुद दिया। जबकि भक्तों ने इन्हें श्रीजी महाराज के नाम से बुलाया। इन्होंने एकांतिक धर्म की स्थापना की। इनके उपदेशों से बहुत सारे लोग प्रभावित हुए और उनके भक्त एवं अनुयायी बने।

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