OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर बोले अनुराग ठाकुर- 'रचनात्मकता के नाम पर दुर्व्यवहार और अशिष्टता बर्दाश्त नहीं'
abuse and rudeness on ott: ओटीटी पर अश्लील कंटेंट बढ़ने की शिकायतों पर सरकार गंभीर है और यदि इस संबंध में नियमों में कोई बदलाव करने की जरूरत पड़ी तो सरकार पीछे नहीं हटेगी, आईबी मिनिस्टर ने ये बात कही।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर
- OTT पर अश्लील कंटेंट बढ़ने की शिकायतों पर सरकार गंभीर
- 'नियमों में कोई बदलाव करने की जरूरत पड़ी तो सरकार पीछे नहीं'
- मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से देश विरोधी खबरों को जगह ना देने की अपील की
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया जगत को देश की अखंडता के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले आख्यानों के प्रति सतर्क रहने और उन्हें जगह देने से बचने का आग्रह किया वहीं उन्होंने संडे को OTT प्लेटफार्म को लेकर उपज रही आशंकाओं पर बात की और कहा कि सरकार ओटीटी पर अश्लील कंटेंट बढ़ने की शिकायतों पर गंभीर है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि रचनात्मकता के नाम पर दुर्व्यवहार और अशिष्टता बर्दाश्त नहीं की जा सकती। ओटीटी पर अश्लील कंटेंट बढ़ने की शिकायतों पर सरकार गंभीर यदि इस संबंध में नियमों में कोई बदलाव करने की जरूरत पड़ी तो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय उस दिशा में पीछे नहीं हटेगा। अश्लीलता और गाली-गलौज रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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देश विरोधी खबरों को जगह ना देने की अपील
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक कार्यक्रम में मीडिया से देश विरोधी खबरों को जगह ना देने की अपील की है उन्होंने कहा कि मीडिया को देश की अखंडता के लिए खतरा उत्पन्न करने वाली अवधारणाओं के प्रति सतर्क रहना और उन्हें जगह देने से बचना चाहिए, इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोगों के मिले-जुले कमेंट सामने आए।
वहीं एक दिन पहले शनिवार को उन्होंने कहा, 'मैं मीडिया बिरादरी से सतर्क रहने और ऐसी आवाजों और आख्यानों को जानबूझकर या अनजाने में जगह देने से बचने का आग्रह करता हूं, जो भारत की अखंडता को खतरा उत्पन्न कर सकती हैं।' ठाकुर ने कहा, 'मैं यहां इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हमारे महान राष्ट्र की लोकतांत्रिक प्रकृति हमेशा एक तथ्य बनी रहेगी, भले ही देश या विदेश से कितनी ही निरधार/अप्रमाणिक और अतार्किक राय जाहिर की जाए।'
साथ ही केन्द्रीय मंत्री ने 'मातृभूमि' जैसी संस्थाओं से इस तरह के फर्जी आख्यानों और भारत विरोधी भेदभाव से निपटने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने को भी कहा। यह रेखांकित करते हुए कि नयी प्रौद्योगिकी/तकनीक नयी ऊंचाइयों को छूने के अपूर्व अवसर देते हैं, मंत्री ने कहा, 'लेकिन ऐसे में पारदर्शिता की दीवारों के पीछे छुपकर विदेशों में कोडेड एल्गोरिदम की मदद से चलाए जा रहे मंचों (इंटरनेट साइट/सोशल मीडिया आदि) द्वारा डिजिटल उपनिवेशीकरण का खतरा भी बढ़ रहा है।'
'जमीनी हकीकत को समझने वाली भारतीय मीडिया को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी'
ठाकुर ने कहा, 'हमें नवोन्मेष और आधुनिकता के नाम पर कुछ भी और सबकुछ स्वीकार करने से बचना होगा। भारत विरोधी भेदभाव के साथ जन्मीं विदेशी प्रकाशन कंपनियां या संस्थाएं तथ्यों को तोड़-मरोड़ पर पेश कर रही हैं जिनकी पहचान कर उनका पर्दाफाश किया जाना चाहिए। यहां, जमीनी हकीकत को समझने वाली भारतीय मीडिया को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।'
'उल्लंघन करने वाले अब पीड़ित बनने का नाटक कर रहे हैं'
ठाकुर ने कहा कि इन दिनों सार्वजनिक चर्चा में अकसर 'लोकतंत्र' शब्द सुनाई दे जाता है़; शासन का सम्मानित सिद्धांत अब उनके लिए 'फैशन स्टेटमेंट' मात्र बनकर रह गया है जिन्होंने लगातार देश के लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास किया है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए ठाकुर ने कहा कि उल्लंघन करने वाले अब पीड़ित बनने का नाटक कर रहे हैं।
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