यौन उत्पीड़न का लगा आरोप, JNU ने किया बर्खास्त; जानें कौन हैं प्रोफेसर स्वर्ण सिंह

JNU से यौन उत्पीड़न के आरोप में बर्खास्त किए गए प्रोफेसर स्वर्ण सिंह, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विभाग में एक वरिष्ठ संकाय सदस्य थे। उनकी बर्खास्तगी विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद, जो जेएनयू का सर्वोच्च निर्णायक निकाय है, द्वारा एक विस्तृत आंतरिक जांच के बाद की गई। जेएनयू की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, स्वर्ण सिंह अंतरराष्ट्रीय राजनीति, संगठन और निरस्त्रीकरण केंद्र, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, जेएनयू के सदस्य थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एमए) की उपाधि प्राप्त की और जेएनयू से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में पीएचडी की है।

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जेएनयू प्रोफेसर स्वर्ण सिंह की बर्खास्तगी

Dismissal of JNU professor Swarn Singh: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से यौन उत्पीड़न के आरोप में बर्खास्त किए गए प्रोफेसर स्वर्ण सिंह, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विभाग में एक वरिष्ठ संकाय सदस्य थे। उनकी बर्खास्तगी विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद, जो जेएनयू का सर्वोच्च निर्णायक निकाय है, द्वारा एक विस्तृत आंतरिक जांच के बाद की गई। यह मामला एक जापानी दूतावास की एक महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़ा है। यह घटना मई 2022 में हुई थी और इसके बाद एक आंतरिक समिति द्वारा गहन जांच की गई, जिसमें दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने और गवाह पेश करने का पूरा मौका दिया गया। समिति के सामने प्रस्तुत साक्ष्यों में ऑडियो रिकॉर्डिंग भी शामिल थी, जिसने आरोपों को पुष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्वर्ण सिंह कौन हैं?

शैक्षणिक पृष्ठभूमि: स्वर्ण सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एमए) और जेएनयू से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में पीएचडी की है। स्वीडन के उपसाला से संघर्ष समाधान में पोस्ट-डॉक्टरेट डिप्लोमा भी प्राप्त किया है।

जेएनयू में भूमिका: स्कूल फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में अंतरराष्ट्रीय राजनीति, संगठन और निरस्त्रीकरण केंद्र के सदस्य। 2001 में जेएनयू में शामिल हुए।

पूर्व अनुभव: 1992 से 2001 तक नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में शोध संकाय के रूप में कार्यरत।

विशेषज्ञता: शस्त्र नियंत्रण एवं निरस्त्रीकरण, संघर्ष समाधान एवं शांति अध्ययन, भारत की रक्षा एवं परमाणु नीति।

अन्य पद: एसोसिएशन ऑफ एशियन स्टडीज (2006) के अध्यक्ष, इंडियन कांग्रेस ऑफ एशियन एंड पेसिफिक स्टडीज (2008) के महासचिव, और जेएनयू में मुख्य सतर्कता अधिकारी (2012-2014)।

इसके अलावा, जेएनयू ने पर्यावरण विज्ञान विभाग के एक अन्य संकाय सदस्य को एक शोध परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया है, और मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है। एक शोध परियोजना पर तथ्य-खोज समिति की रिपोर्ट के बाद दो गैर-शिक्षण कर्मचारियों को भी बर्खास्त किया गया है। अन्य मामलों में, संकाय सदस्यों को वेतन वृद्धि रोकने, निंदा करने और अनिवार्य संवेदीकरण प्रशिक्षण जैसे दंड का सामना करना पड़ा है।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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