'पार्टी का आभार, मुझे कांग्रेस से मुक्ति दी...' Congress से निकाले जाने पर आचार्य प्रमोद कृष्णम की आई पहली प्रतिक्रिया
Acharya Pramod Krishnam: कांग्रेस ने पीएम मोदी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए बाहर निकाल दिया। जिसके बाद आज आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि वह राम और राष्ट्र से कोई समझौता नहीं कर सकते है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का आभारी हूं, मुझे कांग्रेस से मुक्ति दी।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस से निकाले जाने पर दी प्रतिक्रिया, कहा- राम और राष्ट्र से कोई समझौता नहीं
Acharya Pramod Krishnam: कांग्रेस ने अपने नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस ने 6 साल के लिए पार्टी से बाहर निकाला है। बता दें बीते कुछ दिनों में प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस के खिलाफ कई बयान दिये थे। साथ ही कुछ दिनों से बीजेपी की जमकर तारीफ कर रहे थे। पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई नेताओं से मुलाकात कर चुके थे। जिसके कारण प्रमोद कृष्णम को तुरंत छह साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को कांग्रेस ने मंजूरी दे दी। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि यह निर्णय अनुशासनहीनता की शिकायतों और पार्टी के खिलाफ बार-बार सार्वजनिक बयानों के बाद लिया गया है।
राम और राष्ट्र पर समझौता नहीं- आचार्य प्रमोद कृष्णम
वहीं कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा कि राम और राष्ट्र पर समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि क्या राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है। क्या अयोध्या जाना और प्राण प्रतिष्ठा में जाना पार्टी विरोधी है। कल्कि धाम का शिलान्यास कराना पार्टी विरोधी है। नरेंद्र मोदी से मिलना पार्टी विरोधी है। सीएम योगी को कल्कि धाम का निमंत्रण देना पार्टी विरोधी है। उन्होंने कहा कि राम को 14 साल का वनवास था, एक राम भक्त को 6 साल के लिए क्यों... इसको 14 साल कर दिया जाए। बता दें कि प्रमोद कृष्णम लगातार सार्वजनिक मंचों पर खुलकर राहुल गांधी का विरोध करते रहे है और प्रियंका गांधी का पक्ष लेते रहे है उनकी मांग थी कि कांग्रेस की कमान प्रियंका के हाथों में दी जानी चाहिए, तभी पार्टी का कायाकल्प संभव है। बीते कुछ दिनों से वह भाजपा के प्रति सहानुभूति भी दिखा रहे थे।
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Shashank Shekhar Mishra author
शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे ह...और देखें
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