गहलोत के 'अध्ययन, लेखन, मनन, 2030 के मिशन' पर आचार्य प्रमोद का तंज- 'भ्रष्टाचार, लाल डायरी और गमन'

Acharya Pramod Krishnam : कांग्रेस कार्यसमिति में शामिल नहीं किए जाने पर आचार्य का दर्द भी छलका है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है कि पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को उनकी 'वेशभूषा' और 'तिलक' से चिढ़ है, जिन्हें वह इस जन्म में नहीं छोड़ सकते। बीते समय में ऐसे कई मौके भी सामने आए हैं जब प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस की आलोचना की है।

ashok gehlot

गहलोत पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने निशाना साधा है।

Acharya Pramod Krishnam : कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर एक बार फिर निशाना साधा है। आचार्य ने 'X' (पहले ट्विटर) पर किए गए अपने पोस्ट में गहलोत का नाम तो नहीं लिया है लेकिन उनकी तस्वीर को शेयर करते हुए उन पर सवाल उठाए हैं। दरअसल, गहलोत ने विमान में कामकाज करते हुए अपनी एक तस्वीर पोस्ट की। इस तस्वीर के साथ सीएम ने लिखा-'अध्ययन, लेखन, मनन, 2030 का मिशन।'

गहलोत के इस पोस्ट को 'X' पर री-पोस्ट करते हुए प्रमोद कृष्णम ने सोमवार को कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि 'भ्रष्टाचार, बलात्कार, लूट-खसोट और खनन, नासिर-जुनैद की हत्या, लाल डायरी और गमन।'

पहले भी गहलोत पर निशाना साध चुके हैं

कांग्रेस नेता इसके पहले भी श्रद्धा हत्याकांड को लेकर गहलोत पर निशाना साध चुके हैं। 21 नवंबर 2022 के अपने ट्वीट में आचार्य ने कहा था, 'श्रद्धा हत्याकांड को एक सामान्य घटना बताने वाला अशोक गहलोत जी का बयान बेहद अफसोस जनक और अमानवीय होने के साथ साथ अपराधियों का हौसला बढ़ाने वाला और हर एक मां-बाप के दिल को दुखाने वाला है।'

कांग्रेस कार्यसमिति में नहीं हुए हैं शामिल

कांग्रेस कार्यसमिति में शामिल नहीं किए जाने पर आचार्य का दर्द भी छलका है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है कि पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को उनकी 'वेशभूषा' और 'तिलक' से चिढ़ है, जिन्हें वह इस जन्म में नहीं छोड़ सकते। बीते समय में ऐसे कई मौके भी सामने आए हैं जब प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस की आलोचना की है। गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलने पर पार्टी नेताओं की ओर से हुई आलोचना का भी उन्होंने जवाब दिया था।

कृष्णम ने कहा था कि गीता प्रेस का विरोध 'हिंदू विरोधी' मानसिकता की पराकाष्ठा है। राजनीतिक पार्टी के जिम्मेदार पदों पे बैठे लोगों को इस तरह के धर्म विरोधी बयान नहीं देने चाहिए, जिसके नुकसान की भरपाई करने में सदियां गुजर जाएं।

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