Adani Row पर संसद से सड़क तक संग्राम! विपक्ष का वार, शहर-शहर LIC-SBI दफ्तर के बाहर बोला केंद्र पर प्रहार

Adani Row: लोकसभा में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सोमवार को अडाणी समूह से जुड़े मामले पर चर्चा कराने और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग करते हुए नारेबाजी की जिस वजह से सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब पांच मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई।

Adani Row: अडानी मुद्दे पर लगातार तीसरे दिन सोमवार (छह फरवरी, 2023) को संसद के दोनों सदनों का काम ठप्प रहा। विपक्ष जेपीसी की मांग और सदन में चर्चा की मांग पर अड़ा रहा, जबकि सत्ता पक्ष पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा चाहता है। नतीजतन पूरे विपक्ष ने सदन के अंदर तो हंगामा किया ही। साथ ही संसद परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने भी सामूहिक प्रदर्शन किया। इस बीच, कांग्रेस इस लड़ाई को संसद के भीतर और बाहर दोनों स्तर पर लड़ती नजर आई। पार्टी ने देश भर में एलआईसी और एसबीआई दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन किया।
दरअसल, अडानी के मसले पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए गले की फांस बनती दिखी। बजट सत्र का एक हफ्ता बीत गया, लेकिन अभी तक बजट पेश होने के सिवा कुछ नहीं हो सका है। संपूर्ण विपक्ष अडानी के मुद्दे पर सरकार को चौतरफा घेरे है। सोमवार को भी जैसे ही सदन की कार्रवाई शुरू हुई दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन स्थगित करना पड़ा। इससे पहले, सुबह नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कमरे में सामूहिक रणनीति बनाने के लिए विपक्षी दलों के फ्लोर मैनेजर की बैठक हुई। इसके बाद पूरे विपक्ष ने गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
विपक्ष की मांग है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सदन का सारा काम रोक कर अडानी मुद्दे पर चर्चा हो। प्रधानमंत्री उसका जवाब दें और जेपीसी का गठन हो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि क्या वजह है कि सभापति विपक्ष के हर नोटिस को रोज अस्वीकार कर देता है? ये निराशजनक है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा से भाग रही है, जबकि विपक्ष सदन में सकारात्मक चर्चा चाहता है।
चूंकि, कांग्रेस पार्टी अडानी के मुद्दे को देशव्यापी बनाने के लिए दोहरी रणनीति पर काम कर रही है। एक और जहां वह संसद के अंदर समान विचारधारा वाली विपक्षी दलों के साथ सरकार को संसद में गिरने का काम कर रही है। वहीं, दूसरी ओर देश भर में एलआईसी और एसबीआई के दफ्तर के बाहर धरना और प्रदर्शन कर अडानी के मुद्दे को और व्यापक बनाने का प्रयास करती दिखी। पार्टी का मानना है कि ऐसा कोई घर नहीं, जिसने LIC में निवेश न किया हो। ऐसे में पार्टी को इसका पॉलिटिकल डिविडेंड मिलने की पूरी उम्मीद है।
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रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

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