अडाणी के बहाने मोदी से राहुल का सवालः बाहर जा रहा पैसा किसका, गौतम से क्यों नहीं हो रही CBI-ED पूछताछ?
Rahul Gandhi on Adani Case: गांधी से पहले कांग्रेस ने ‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) की ओर से अडाणी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। साथ ही आरोप लगाया कि इस कारोबारी समूह ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों का उल्लंघन और मुखौटा कंपनियों के माध्यम से भ्रष्टाचार किया है।
Rahul Gandhi on Adani Case: अडाणी समूह के मुखिया और जाने-माने भारतीय कारोबारी गौतम अडाणी के बहाने कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने फिर से सियासी संग्राम छेड़ा है। महाराष्ट्र के मुंबई शहर में गुरुवार (31 अगस्त, 2023) को अपनी प्रेस कॉफ्रेंस में उन्होंने सवाल उठाया कि देश से बाहर गया पैसा किसका है... स्पष्ट होना चाहिए कि ‘देश से बाहर भेजा गया एक अरब डॉलर’ किसका पैसा है? क्या यह रकम अडाणी की है...केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियां गौतम अडाणी से पूछताछ क्यों नहीं कर रही हैं?आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मसले पर चुप क्यों हैं?
पत्रकारों के सामने दो बड़े अखबारों के फ्रंट पेज लहराकर उनकी खबरों का जिक्र करते हुए वह बोले- अडाणी को लेकर दो समाचारपत्रों ने बड़ा खुलासा किया है। ये रैंडम अखबार नहीं है। ये समाचार पत्र भारत में निवेश और लोगों के विचारों को प्रभावित करते हैं। यह किसका पैसा है? दूसरा सवाल है कि अडाणी के मास्टरमाइंड भाई के साथ दो विदेशी लोग (नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग) कौन हैं?
राहुल ने उठाए ये दो अहम सवाल, देखिएः
गांधी के अनुसर, प्रमुख वैश्विक समाचार-पत्रों ने अडाणी मामले पर बहुत महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। सेबी जांच हुई, लेकिन अडाणी को क्लीन चिट दे दी गई। बहुत साफ है कि कुछ गड़बड़ है। अडाणी केस में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए और गहन जांच होनी चाहिए।
बकौल राहुल, "प्रधानमंत्री मोदी मौन क्यों हैं...वह इसकी जांच क्यों नहीं होने देते? जी-20 बैठक से पहले भारत की प्रतिष्ठा दांव पर है। प्रधानमंत्री मोदी को कार्रवाई करनी चाहिए और इस मामले की जांच करानी चाहिए।"
गांधी से पहले कांग्रेस ने ‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) की ओर से अडाणी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। साथ ही आरोप लगाया कि इस कारोबारी समूह ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों का उल्लंघन और मुखौटा कंपनियों के माध्यम से भ्रष्टाचार किया है। हालांकि, अडाणी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
वैसे, जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड की ओर से वित्त पोषित संगठन ने ऐसे समय में आरोप लगाए हैं, जब कुछ महीने पहले अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी तथा शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी।
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