बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष पद से अधीर रंजन चौधरी के इस्तीफे की खबर, लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी का एक्शन
Adhir Ranjan Chaudhary Resigns: लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल में बड़ा एक्शन लिया है। सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी की बुरी हार हुई थी।
अधीर रंजन चौधरी ने दिया इस्तीफा।
Adhir Ranjan Chaudhary Resigns: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी गुलाम अहमद मीर की ओर से यह जानकारी दी गई है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में अधीर रंजन चौधरी बहरामपुर सीट से टीएमसी के युसूफ पठान से हार गए थे। वह 1999 से लगातार इस सीट से सांसद थे।
बता दें, कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को अधीर रंजन चौधरी के अलावा पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी, जिसमें राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ संबंधों सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की। इसी के बाद अधीर रंजन के इस्तीफे की खबर आई है। बैठक में कांग्रेस महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदीप भट्टाचार्य समेत अन्य लोग शामिल हुए थे।
अधीर रंजन ने ममता के खिलाफ लिखा था राष्ट्रपति को पत्र
समझा जाता है कि कांग्रेस नेतृत्व राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टीएमसी के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए नेताओं की प्रतिक्रिया ले रहा है।
कांग्रेस का राज्य नेतृत्व केंद्रीय स्तर पर कांग्रेस और टीएमसी के बीच देखे गए समन्वय और समर्थन से अलग रहा है। इसका एक नमूना सप्ताहांत में देखने को मिला जब कांग्रेस ने नीति आयोग की बैठक से जुड़े घटनाक्रम पर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ एकजुटता व्यक्त की, लेकिन उसी दिन कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में अराजक स्थिति है और राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की।
बंगाल में गठबंधन न हो पाने की बड़ी वजह अधीर रंजन चौधरी
लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन न हो पाने की बड़ी वजह अधीर रंजन चौधरी को ही माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व ममता के साथ सीट समझौते पर तैयार था। हालांकि, अधीर रंजन चौधीर के तीखे तेवरों की वजह से राज्य में टीएमसी और कांग्रेस के बीच सीट समझौता नहीं हो पाया। चुनाव के दौरान इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अधीर रंजन को चेतावनी दी थी।
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