मणिपुर में थम नहीं रहा हिंसा का दौर, केंद्र सरकार ने अशांत इलाकों में फिर लगाया 'अफस्पा'

Manipur Violence: मणिपुर के जिरीबाम जिले में सशस्त्र आतंकवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया था। यह घटना तब हुई जब सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादी मार गिराए गए थे।

Manipur Violence

मणिपुर के जिरीबाम में उग्रवादियों ने ट्रक में लगाई आग।

Manipur Violence: केंद्र सरकार ने मणिपुर के हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल अधिनियम (अफस्पा) को फिर से लागू कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि यह निर्णय वहां जारी जातीय हिंसा के कारण लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए लिया गया है। अफस्पा को लागू करने संबंधी केंद्र सरकार की अधिसूचना उसी दिन आई जिस दिन मणिपुर पुलिस ने मणिपुर के जिरीबाम और चुराचांदपुर जिलों से हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा जब्त करने की जानकारी की।

पुलिस ने एक बयान में कहा कि बुधवार को जिरीबाम जिले के चंपानगर, नारायणपुर और थांगबोइपुंजरे इलाकों में घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान 2 इंच का एक मोर्टार, 36 बैरल कारतूस और पांच बैरल कारतूस के खोल जब्त किए गए। पुलिस के बयान में यह भी कहा गया है कि एक .303 राइफल, 9 मिमी की एक पिस्तौल, दो कम दूरी की स्थानीय रूप से निर्मित तोप, दो लंबी दूरी की स्थानीय रूप से निर्मित तोप, पांच एके 47 कारतूस, 9 मिमी के दो कारतूर, चार 12-बोर कार्ट केस और .303 राइफल के 18 संशोधित कारतूस भी चुराचांदपुर जिले के एच कोटलियान गांव से जब्त किए गए।

महिलाओं और बच्चों का किया गया था अपहरण

मणिपुर के जिरीबाम जिले में सोमवार को सैनिकों जैसी वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा एक पुलिस थाने और निकटवर्ती सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की गयी। इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। एक दिन बाद, उसी जिले से सशस्त्र आतंकवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया। गुरुवार को भी इंफाल घाटी में स्कूल और कॉलेज के छात्रों ने कथित अपहरण के विरोध में अपने-अपने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर मानव श्रृंखलाएं बनाईं। काले झंडे और काले बिल्ले पहने छात्रों ने नारे लगाए और छह लोगों की तत्काल सुरक्षित रिहाई की मांग की तथा केंद्र और राज्य सरकारों से कार्रवाई की मांग की। इस कार्यक्रम का आयोजन मेइती समुदाय के संगठन सीओसीओएमआई स्टूडेंट्स फ्रंट ने किया था।

क्या है अफस्पा?

सशस्त्र बलों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए अफस्पा के तहत किसी क्षेत्र या जिले को अशांत के रूप में अधिसूचित किया जाता है। अफस्पा अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बलों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोलीबारी करने के व्यापक अधिकार देता है, अगर वे इसे सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक समझते हैं। जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में अफस्पा को फिर से लागू किया गया है, वे हैं इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लमसांग, इंफाल पूर्वी जिले में लमलाई, जिरीबाम जिले में जिरीबाम, कांगपोकपी में लीमाखोंग और बिष्णुपुर में मोइरांग।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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