मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक के बाद CM शिंदे बोले-हम कोटा के समर्थन में, थोड़ा समय चाहिए

Maratha quota : सर्वदलीय बैठक के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि मराठाओं को संयम बरतना चाहिए, सरकार को आरक्षण लागू करने के वास्ते कानूनी तौर-तरीकों के लिए समय चाहिए। साथ ही जरांगे को मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने में सरकार का सहयोग करना चाहिए।

Maratha quota

ओबीसी आरक्षण में कोटा दिए जाने की मांग।

Maratha quota : महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण में कोटे की मांग पर विरोध-प्रदर्शन तेज होने के बीच बुधवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार मराठाओं को कोटा दिए जाने के पक्ष में है। सीएम की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में प्रस्ताव पारित कर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे से अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने को कहा गया। शिंदे ने कहा कि मराठाओं को संयम बरतना चाहिए, सरकार को आरक्षण लागू करने के वास्ते कानूनी तौर-तरीकों के लिए समय चाहिए। साथ ही जरांगे को मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने में सरकार का सहयोग करना चाहिए।

प्रस्ताव पर इन नेताओं के हस्ताक्षर

प्रस्ताव पर सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, शिव सेना (यूबीटी) के नेता अनिल परब, विधानसा में विपक्ष के नेता विजय वाडेत्तिवार, अम्बादास दानवे सहित अन्य नेताओं ने हस्ताक्षर किए। ओबीसी आरक्षण में कोटा दिए जाने की मांग लेकर मराठा समुदाय ने राज्य के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन किया है।

कुनबी अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आता है

मराठाओं की नाराजगी दूर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक आदेश प्रकाशित करवाया और संबंधित अधिकारियों को मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को नया कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया। इस निर्णय से एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने 1.72 करोड़ पुराने दस्तावेजों (जिनमें निजाम काल के दस्तावेज भी हैं) की समीक्षा की और उनमें ऐसे 11,530 रिकॉर्ड पाये गये जहां कुनबी जाति का उल्लेख है। महाराष्ट्र में कृषि कार्य से जुड़ा समुदाय कुनबी अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आता है और उसे शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलता है।

'आधा-अधूरा' आरक्षण स्वीकार नहीं -जरांगे

जरांगे जो कि कोटा की मांग को लेकर जालना जिले के अंतरवाली सराती गांव में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे हैं, उन्होंने मंगलवार को कहा कि मराठा समुदाय 'आधा-अधूरा' आरक्षण स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इस मसले का हल निकालने के लिए महाराष्ट्र सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। जरांगे ने कहा है कि बुधवार शाम तक यदि कोटा पूरी तरह से नहीं दिया गया तो वह पानी पीना छोड़ देंगे।
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