अयोध्या ले लिया, काशी-मथुरा और दे दो...हम बाकी मुद्दे भूल जाएंगे; बोले राम मंदिर के कोषाध्यक्ष

Govind Dev Giri: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा, अयोध्या के बाद काशी और मथुरा के मंदिर अगर मुक्त हो जाते हैं तो हम दूसरी ओर देखेन की इच्छा भी नहीं रखते हैं, क्योंकि हमें भविष्य में जीना है, अतीत में नहीं।

Govind Dev Giri Maharaj

गोविंद देव गिरि महाराज

Govind Dev Giri: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद अब ज्ञानवापी और मथुरा में हिंदुओं के मूल स्थानों को लेकर मांग तेज हो गई है। ज्ञानवापी में एएसआई की रिपोर्ट सामने आने के बाद तहखाना परिसर में पूजा की अनुमति मिल गई है, जिसे हिंदू पक्ष के लिए बड़ी जीत बताया जा रहा है। हालांकि, ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित दोनों जगहों के मुद्दे अभी अदालत के समक्ष विचाराधीन हैं। इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या के बाद अगर काशी और मथुरा शांतिपूर्ण तरीके से मुक्त हो जाते हैं तो हिंदू समुदाय अन्य सभी मुद्दों को भूल जाएगा।
रविवार को पुणे के आलंदी में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान गोविंद देव गिरि महाराज ने दावा किया कि विदेशी हमलों में 3500 हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि अयोध्या के बाद काशी और मथुरा के मंदिर अगर मुक्त हो जाते हैं तो हम दूसरी ओर देखेन की इच्छा भी नहीं रखते हैं, क्योंकि हमें भविष्य में जीना है, अतीत में नहीं। उन्होंने आगे कहा, देश का भविष्य अच्छा हो, इसलिए बाकी दोनों मंदिर (काशी और मथुरा) हमें शांति से मिल जाएं तो हम बाकी सब बातें भूल जाएंगे।

मामला सिर्फ हमलों के निशान मिटाने का

गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा, मैं मुस्लिम समुदाय से आग्रह करता हूं कि वे इस मसले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए उनकी मांग का समर्थन करें। यह मामला सिर्फ हमलों के निशान मिटाने का है और इसे दो समुदायों के बीच समस्या नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हमारी तो हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि ये तीनों मंदिर सौंप दिए जाने चाहिएं क्योंकि ये आक्रमणकारियों द्वारा हमारे ऊपर किए गए हमलों के सबसे बड़े निशान हैं। उन्होंने इस कारण लोगों के अंदर बहुत वेदना है। अगर इस वेदना को वे लोग शांति के साथ दूर कर देते हैं तो भाईचारा बढ़ाने में अधिक सहयोग मिलेगा।
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