जुर्माने के बाद अरविंद केजरीवाल ने फिर पीएम मोदी की डिग्री पर पूछा सवाल
Narendra Modi Degree: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आखिर गुजरात विश्वविद्यालय को पीएम की डिग्री के बारे में विस्तार से जानकारी देने में क्या परेशानी है।
Narendra Modi Degree: पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाने वाले मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने उन पर शुक्रवार को जुर्माना लगाया था। लेकिन एक दिन बाद उन्होंने फिर सवाल उठाया। उनके मुताबिक गुजरात हाईकोर्ट ने पीएम की डिग्री पर सवाल उठाए हैं। यह जरूरी है कि पीएम को पढ़ा लिखा होना चाहिए क्योंकि उन्हें कई तरह के फैसले लेने होते हैं। अब गुजरात विश्वविद्यालय इस संबंध में किसी तरह का निर्णय नहीं ले पा रही है तो उसके पीछे दो वजह हो सकती है। या तो उनका घमंड है या पीएम की डिग्री जाली है।
गुजरात हाईकोर्ट ने लगाया था जुर्माना
न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) में राशि जमा करने का निर्देश दिया।केजरीवाल ने कहा कि पूरा देश उच्च न्यायालय के फैसले से हैरान है क्योंकि लोकतंत्र में सूचना मांगने और सवाल पूछने की आजादी होनी चाहिए। उच्च न्यायालय के आदेश ने प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर संदेह बढ़ा दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने गुजरात विश्वविद्यालय या दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की होती तो वे इस जानकारी को छिपाने के बजाय इसका जश्न मना रहे होते।उन्होंने पूछा कि अगर मोदी की कोई वैध डिग्री है तो गुजरात विश्वविद्यालय इसे दिखा क्यों नहीं रहा है।
'अशिक्षित होना अपराध या पाप नहीं'
केजरीवाल ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय के प्रधानमंत्री की अकादमिक योग्यता पर सूचना न देने की दो वजहें हो सकती हैं - यह मोदी का अहंकार हो सकता है या उनकी डिग्री फर्जी है।हालांकि उन्होंने कहा कि अशिक्षित होना कोई अपराध या पाप नहीं है क्योंकि देश में बहुत ज्यादा गरीबी है। हममें से कई अपने परिवार की वित्तीय हालत के कारण औपचारिक शिक्षा पाने की स्थिति में भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी देश में इस तरह की गरीबी है।केजरीवाल ने मोदी की शिक्षा पर सवाल पूछते हुए कहा कि यह सवाल अनिवार्य है क्योंकि देश का शीर्ष प्रबंधक होने के कारण मोदी को विज्ञान और अर्थव्यवस्था समेत कई विषयों पर हर दिन कई महत्वपूर्ण फैसले लेने होते हैं।मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अगर प्रधानमंत्री शिक्षित नहीं हैं तो अधिकारी और विभिन्न प्रकार के लोग आएंगे और कहीं भी उनसे हस्ताक्षर करवा लेंगे उनसे कुछ भी पारित करा लेंगे, जैसे कि नोटबंदी का फैसला जिसके कारण देश को काफी कुछ झेलना पड़ा। अगर प्रधानमंत्री शिक्षित होते तो वह नोटबंदी लागू नहीं करते।
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