आपके तो नाम में ही चंद्र है...चंद्रयान-3 की सफल लैंडिग के बाद पीएम मोदी ने ISRO चीफ को कर दिया फोन-Video
PM Modi Telephoned ISRO Chief S Somanath: इसरो के मिशन चंद्रयान की सफलतापूर्व लैंडिंग के तुरंत बाद पीएम मोदी ने इसरो चीफ एस सोमनाथ से फोन पर बात की और बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिशन चंद्रयान को दक्षिण अफ्रीका से लाइव देख रहे थे। प्रधानमंत्री 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग में हैं वो वहीं से लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए इस पल को देख रहे थे, इसरो की सफलता पर उन्होंने कहा कि ये ये विकसित भारत का क्षण है, वहीं सफल लैंडिंग के बाद उन्होंने फोन पर इसरो चीफ एस सोमनाथ से बात की।
पीएम मोदी इस मौके पर बेहद खुश थे और वो अपनी खुशी को रोक ना पाए और इसरो चीफ एस सोमनाथ को फोन कर कहा- आपका तो नाम सोमनाथ और सोमनाथ नाम चंद्र से जुड़ा हुआ है, मेरी तरफ से आपको और आपकी टीम को बहुत बहुत बधाई...
PM ने कहा कि ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का
इससे पहले इसरो के मिशन चंद्रयान की सफलतापूर्व लैंडिंग पर पीएम मोदी बोले- ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है।
Chandrayaan 3 की चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मिशन चंद्रयान-3 की बुधवार की शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग हो गई। इसके साथ ही चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर अपने यान को उतारने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है, इस अंतरिक्ष अभियान पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुईं थीं।
चंद्रमा की सतह को चूम कर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नयी इबारत
इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन ‘‘चंद्रयान-3’’ के लैंडर मॉड्यूल (LM) ने बुधवार शाम चंद्रमा की सतह को चूम कर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नयी इबारत रची। वैज्ञानिकों के अनुसार इस अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुरूप ठीक से चली।यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक बल्कि भारत का हर आम और खास आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था।
बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग
लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम ने बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की। यह एक ऐसी उपलब्धि है, जो अब तक किसी भी देश को हासिल नहीं हुई है।इसरो के अधिकारियों के मुताबिक, लैंडिंग के लिए लगभग 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर 'पॉवर ब्रेकिंग फेज' में कदम रखता है और गति को धीरे-धीरे कम करके, चंद्रमा की सतह तक पहुंचने के लिए अपने चार थ्रस्टर इंजन की ‘रेट्रो फायरिंग’ करके उनका इस्तेमाल करना शुरू कर देता है।
6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने पर केवल दो इंजन का इस्तेमाल हुआ
उन्होंने बताया कि ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के कारण लैंडर 'क्रैश' न हो जाए।अधिकारियों के अनुसार, 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने पर केवल दो इंजन का इस्तेमाल हुआ और बाकी दो इंजन बंद कर दिए गए, जिसका उद्देश्य सतह के और करीब आने के दौरान लैंडर को 'रिवर्स थ्रस्ट' (सामान्य दिशा की विपरीत दिशा में धक्का देना, ताकि लैंडिंग के बाद लैंडर की गति को धीमा किया जा सके) देना था।
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रवि वैश्य author
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनि...और देखें
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