विपक्षी एकता से ममता-केजरीवाल के बाद अब केसीआर 'OUT'? तेलंगाना CM पर बरसे शरद पवार, कांग्रेस भी है खिलाफ
Opposition Unity: इस समय विपक्षी एकता वाली गठबंधन से तीन पार्टियां साफ तौर पर बाहरी जाती दिख रही है, जिसमें बंगाल से ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, दिल्ली से आप और तेलंगाना से बीआरएस। अतीत में तीनों पार्टियां कांग्रेस के बिना 2024 में गठबंधन बनाने की कोशिश कर चुकी है।
शरद पवार ने केसीआर की पार्टी को भाजपा की बी-टीम बताया
Opposition Unity: विपक्ष के कुनबे में जिस तरह से इन दिनों कलह मची है, उससे साफ है कि बीजेपी काफी खुश और सकून में होगी। जो विपक्ष राहुल गांधी की सजा और कर्नाटक जीत के बाद कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट होता दिख रहा था, वो अब लगभग टूट चुका है। आप और टीएमसी के बाद अब केसीआर की भी विपक्षी एकता वाली गठबंधन में शायद एंट्री बंद हो गई है। केसीआर पर कांग्रेस पहले से ही भरोसा नहीं कर पा रही थी, अब शरद पवार ने भी तेलंगाना सीएम केसीआर की पार्टी बीआरएस पर निशाना साध दिया है। पवार ने केसीआर पर जमकर हमला बोला है।
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'भाजपा की बी-टीम है बीआरएस'
शरद पवार ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या केसीआर की पार्टी भाजपा की बी-टीम है। शरद पवार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केसीआर केवल कांग्रेस और एनसीपी को निशाना बना रहे थे। पवार ने कहा- "इससे हमें लगता है कि क्या यह भाजपा की 'बी' टीम है।"
क्यों ऐसा बोले एनसीपी प्रमुख
दरअसल पिछले कुछ समय से केसीआर अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं, इसी क्रम में अपनी पार्टी का नाम टीआरएस से बीआरएस कर चुके हैं। केसीआर तेलंगाना से अलग मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में पूरा फोकस किए हुए हैं। बाकी राज्यों में भी वो पार्टी की विस्तार में लगे हैं, लेकिन महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में वो ज्यादा एक्टिव दिख रहे हैं। मध्यप्रदेश में केसीआर आदिवासी वोटों पर नजर गड़ाए हुए हैं, जिसपर कांग्रेस की पकड़ है, महाराष्ट्र में भी वो बीजेपी से ज्यादा एनसीपी और कांग्रेस को नुकसान करते दिख रहे हैं। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस अगले चुनाव में सत्ता वापसी का दावा कर रही है, ऐसे में केसीआर से कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को नुकसान होना तय है।
कांग्रेस के बिना गठबंधन की वकालत
इस समय विपक्षी एकता वाली गठबंधन से तीन पार्टियां साफ तौर पर बाहरी जाती दिख रही है, जिसमें बंगाल से ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, दिल्ली से आप और तेलंगाना से बीआरएस। अतीत में तीनों पार्टियां कांग्रेस के बिना 2024 में गठबंधन बनाने की कोशिश कर चुकी है। इन तीनों को सिर्फ सपा से थोड़ा सा सपोर्ट मिला था, बाकि कि लगभग सभी बड़ी विपक्षी पार्टियां कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन से इनकार कर चुकी है।
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