इलाहाबादिया विवाद के बाद सरकार सख्त, कहा-आयु आधारित कंटेंट वर्गीकरण का पालन करें OTT प्लेटफॉर्म
Centre Advisory to OTT platforms : ऑनलाइन कॉमेडी शो में रणवीर इलाहाबादिया की फूहड़ टिप्पणियों पर उठे विवाद के बाद केंद्र सरकार ने OTT प्लेटफॉर्मों पर सख्ती दिखाई है। सरकार ने ऐसे प्लेटफॉर्मों से उम्र आधारित कंटेंट वर्गीकरण का सख्ती से पालन करने और आत्म-नियमन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

रणवीर इलाहाबादिया की फूहड़ टिप्पणियों पर मचा है बवाल।
Centre Advisory to OTT platforms : ऑनलाइन कॉमेडी शो में रणवीर इलाहाबादिया की फूहड़ टिप्पणियों पर उठे विवाद के बाद केंद्र सरकार ने OTT प्लेटफॉर्मों पर सख्ती दिखाई है। सरकार ने ऐसे प्लेटफॉर्मों से उम्र आधारित कंटेंट वर्गीकरण का सख्ती से पालन करने और आत्म-नियमन सुनिश्चित करने के लिए कहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस बारे में ऑनलाइन कंटेंट पेश करने वालों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की आत्म-नियामक इकाइयों के लिए परामर्श जारी किया है। सरकार ने कहा है कि कंटेंट, उम्र और विषय को लेकर सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जो नियम-कानून एवं दिशा-निर्देश हैं उसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
आचार संहिता का पालन करने का निर्देश
मंत्रालय ने ओटीटी मंचों के स्व-नियामक संस्थाओं को आचार संहिता के उल्लंघन पर सक्रियता से उपयुक्त कार्रवाई करने को भी कहा। मंत्रालय ने कहा कि उसे कुछ ओटीटी और सोशल मीडिया मंचों द्वारा अश्लील सामग्री का कथित तौर पर प्रसार किये जाने के बारे में सांसदों और वैधानिक संगठनों से शिकायतें मिली हैं। साथ ही, जन शिकायतें भी मिली हैं। परामर्श में कहा गया है, ‘इन बातों के मद्देनजर यह सलाह दी जाती है कि ओटीटी मंच सामग्री प्रसारित करते समय, कानूनों के विभिन्न प्रावधानों और आईटी नियम, 2021 के तहत निर्धारित आचार संहिता का पालन करें, जिसमें आचार संहिता के तहत निर्धारित सामग्री के आयु-आधारित वर्गीकरण का कड़ाई से पालन करना भी शामिल है।’
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सामग्री का आयु-आधारित वर्गीकरण करें
इसमें कहा गया है कि आचार संहिता में अन्य बातों के साथ-साथ ओटीटी मंच से यह अपेक्षा की जाती है कि वे कानून द्वारा निषिद्ध किसी भी सामग्री को प्रसारित न करें। साथ ही, नियमों की अनुसूची में दिए गए सामान्य दिशानिर्देशों के आधार पर सामग्री का आयु-आधारित वर्गीकरण करें तथा उचित सावधानी एवं विवेक का प्रयोग भी करें। यह परामर्श उच्चतम न्यायालय द्वारा सोशल मीडिया मंच पर सामग्री का विनियमन करने के सुझाव के मद्देनजर जारी किया गया है। शीर्ष अदालत ने यूट्यूब जैसे मंच पर सामग्री साझा करने के मामले में कानून में प्रावधान के अभाव को रेखांकित किया था।
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