मोदी-पुतिन की मुलाकात भुला नहीं पा रहा अमेरिका, ताजा बयान पर भारत का पलटवार, कहा-'यह पसंद चुनने की आजादी है'

India Reacts on America: भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि 'हमें यह समझना चाहिए कि रूस के साथ भारत के संबंध बहुत लंबे समय से हैं और यह संबंध आपसी हितों पर आधारित है। आज बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में सभी देशों को अपनी पसंद चुनने की आजादी है।

मास्को में पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन।

India Reacts on America: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा और वहां के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से उनकी मुलाकात अमेरिका भुला नहीं पा रहा है। एक बार फिर उसने दोनों नेताओं की मुलाकात पर बयान दिया है। अमेरिका ने कहा है कि 'पीएम मोदी की रूस यात्रा की टाइमिंग और इस मुलाकात से जो संदेश निकला उससे उसे निराशा हुई।' अमेरिका के इस बयान का जवाब भारत सरकार ने गुरुवार को दिया। सरकार ने कहा कि 'नई दिल्ली और मास्को के बीच संबंध बहुत लंबे समय से हैं और दोनों देशों को अपने पसंद-नापसंद की आजादी है।'

वास्तविकताओं को स्वीकार करने की जरूरत-विदेश मंत्रालय

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि 'हमें यह समझना चाहिए कि रूस के साथ भारत के संबंध बहुत लंबे समय से हैं और यह संबंध आपसी हितों पर आधारित है। आज बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में सभी देशों को अपनी पसंद चुनने की आजादी है। इसलिए सभी के लिए होशियार रहने और इस तरह की वास्तविकताओं को स्वीकार करने की जरूरत है।'

'मोदी की रूस यात्रा के समय को लेकर निराश है अमेरिका'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐसे समय रूस की यात्रा करने को लेकर अमेरिका निराश है, जब वह यहां नाटो शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था। यह बात अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सांसदों से कही है, जबकि अमेरिकी सांसदों ने भारत-रूस के बढ़ते संबंधों पर चिंता जतायी है।दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने मंगलवार को यहां संसदीय बैठक में अमेरिकी सांसदों से कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी की मास्को यात्रा के प्रतीकवाद और समय को लेकर हमारी निराशा के बारे में आपसे पूरी तरह सहमत हूं। हम अपने भारतीय मित्रों के साथ बातचीत कर रहे हैं।'

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