गैंगस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी को चार साल की सजा, सांसदी पर लटकी तलवार

Afzal Ansari News: गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को भी गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी मानते हुए चार साल की सजा सुनाई है। इससे पहले उनके भाईमुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा ऍर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया था।

Afzal Ansari, Gangster Case

अफजाल अंसारी, बीएसपी सांसद

मुख्य बातें
  • गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट मे सुनाई सजा
  • अफजाल अंसारी भी दोषी करार
  • 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहह केस दर्ज

Afzal Ansari News: गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट(ghazipur mp-mla court) ने दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। अदालत द्वारा दोषी करार देते ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। इस फैसले के बाद उनके सांसद(afzal ansari mp) बने रहने पर खतरा मंडराने लगा है। अफजाल अंसारी बीएसपी से सांसद हैं और गाजीपुर लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हाल ही में मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनायी गई थी जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उन्हें सांसदी के लिए अयोग्य माना था। गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजाल (afzal ansari latest news)के भाई मुख्तार अंसारी(mukhtar ansari,) को 10 साल की सजा सुनाने के साथ पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है। 2007 में इन दोनों भाइयों के खिलाफ कृष्णानंद राय और नंद किशोर रुंगटा केस को आधार बना कर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस केस में 15 अप्रैल को ही फैसला आने वाला था। लेकिन जज साहब के एकाएक छुट्टी पर जाने की वजह से फैसले की तारीख 29 अप्रैल मुकर्रर की गई।

'न्याय से संतुष्ट'

अदालती फैसले पर अलग अलग राजनीतिक हल्के से प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। सबसे पहले कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने कहा कि देर से ही सही न्याय की जीत हुई है। इस दिन का इंतजार उन्हें वर्षों से था। एक परिवार ने ना जाने कितने लोगों को सताया था। आज हर उन पीड़ित परिवारों की आत्मा को शांति मिली होगी।पुलिस ने जनवरी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 2001 के उसरी चट्टी गैंगवार मामले में हत्या का मामला दर्ज किया था। अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया था।18 जनवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट के 15 मार्च के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें अंसारी को बांदा में एक उच्च श्रेणी की जेल में रखने की अनुमति दी गई थी।पिछले साल दिसंबर में अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को गाजीपुर की गैंगस्टर कोर्ट ने हत्या और हत्या के प्रयास से जुड़े पांच मामलों में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। इन मामलों में कांस्टेबल रघुवंश सिंह की हत्या और गाजीपुर के एक अतिरिक्त एसपी पर जानलेवा हमला शामिल है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 21 सितंबर को अंसारी को जेलर एसके अवस्थी को धमकाने और पिस्तौल तानने के आरोप में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। मामला 2003 का है जब लखनऊ जिला जेल के जेलर एसके अवस्थी ने यह कहते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उन्हें जेल में अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने की धमकी दी गई थी।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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