ये हैं अग्नि-5 मिसाइल बनाने वाली महिला वैज्ञानिक शीना रानी, जिन्हें दुनिया कह रही 'दिव्य पुत्री'

Who is Sheena Rani : भारत ने मिशन दिव्यास्त्र के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी के साथ देश में विकसित अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इसके साथ ही ऐसी क्षमता रखने वाले चुनिंदा देशों की सूची में भारत भी शामिल हो गया। इस मिशन में अहम रोल निभाने वाली शीना रानी को आज पूरी दुनिया 'दिव्य पुत्री' के नाम से संबोधित कर रही है। आइये जानते है, आखिर कौन हैं शीना रानी...

मिशन दिव्यास्त्र के पीछे 'दिव्य पुत्री' शीनी रानी का विशेष रोल

Who is Sheena Rani : भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस अग्नि-5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है और इस बड़ी उपलब्धि की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, जिन्होंने इसे 'मिशन दिव्यास्त्र' कहा। इस परियोजना का नेतृत्व हैदराबाद में देश के मिसाइल परिसर की एक महिला वैज्ञानिक शीना रानी ने किया था, जो 1999 से अग्नि मिसाइल सिस्टम पर काम कर रही हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट को DRDO की महिला वैज्ञानिक शीना रानी ने लीड किया। जिस प्रकार PM मोदी ने पूरे मिशन को 'मिशन दिव्यास्त्र' का नाम दिया ठीक वैसे ही वैज्ञानिक शीना रानी की चर्चा अब कई लोग 'दिव्य पुत्री' के रूप में कर रहे है।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में भी कर चुकी है काम

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिक शीना रानी ने कहा कि मैं डीआरडीओ की एक गौरवान्वित सदस्य हूं जो भारत की रक्षा में मदद करती है। रानी ने कहा कि

वह भारत की प्रसिद्ध मिसाइल प्रौद्योगिकीविद् 'अग्नि पुत्री' टेसी थॉमस के शानदार नक्शेकदम पर चलती हैं, जिन्होंने अग्नि श्रृंखला की मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कंप्यूटर विज्ञान में विशेषज्ञता के साथ एक प्रशिक्षित इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियर शीना रानी ने तिरुवनंतपुरम में इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्ययन किया। उन्होंने भारत की अग्रणी नागरिक रॉकेटरी प्रयोगशाला, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में आठ वर्षों तक काम भी किया।

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