'प्रदूषण की वजह से हम लोगों को मरने नहीं दे सकते', सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कही ये बड़ी बातें

SC Hearing on Air Pollution: प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि FIR रजिस्टर करना समस्या का समाधान नहीं है। अदालत ने ये स्पष्ट किया कि लोगों को प्रदूषण की वजह से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। पराली जलाने से जुड़ी समस्या पर भी अदालत ने कई अहम सुझाव दिए।

Supreme Court

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।

Supreme Court News: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस मौके पर अदालत ने ये स्पष्ट किया कि लोगों को प्रदूषण की वजह से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में घटते भूजल पर चिंता जताई और कहा कि राज्य में धान की खेती चरणबद्ध तरीके से बंद करने की जरूरत है। नीचे पढ़िए सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की बड़ी बातें।

पराली जलाने पर रोक कैसे लगे कैसे मॉनिटर करें?

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि दो तरह के इशू है एक लंबा जिसमें फसल के विकल्प को देखा जाए दूसरा तुरंत पराली जलाने पर रोक लगे। आप केवल रिकॉर्ड भर रहे हैं और कुछ नहीं। हमारी चिंता है कि आप लॉन्ग टर्म मेजर के लिए क्या कर रहे हैं। फसल के विकल्प के तौर पर दूसरी फसल। इसका मतलब नहीं की आप पांच साल ले लें। पराली जलाने पर रोक कैसे लगे कैसे मॉनिटर करें ये जरूरी है। FIR रजिस्टर करना समस्या का समाधान नहीं है। अगर आप चाहें तो ये कर सकते हैं कि अगर कोई पराली जलता है तो उसे सब्सिडी नहीं मिलेगी।

'यहीं बैठा लेंगे जब तक समस्या का समाधान न निकले'

अदालत ने बोला कि सभी राज्य सरकार जिम्मेदार है। आप सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिव हैं, अगर समस्या का समाधान आप निकलेंगे तो इनको यहीं बैठा लेंगे जब तक समस्या का समाधान न निकले। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हम चाहते हैं समस्या का समाधान निकले। याचिकाकर्ता विकास सिंह ने कहा ये वोट बैंक इशू है, ये कभी नहीं करेंगे। हम बस समस्या का समाधान चाहते हैं। एडिमिनिस्टेशन आपका काम है।

'लोगों को प्रदूषण की वजह से मरने नहीं छोड़ सकते'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा क्या आप चाहते हैं कि ये आदेश हम पास कर दें कि सभी राज्य सरकार के अधिकारी बिना मास्क के काम करे। तभी आम जनता के स्वास्थ्य के बारे में इसको पता चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा की आप कोर्ट के आदेश को लागू करें। लोगों को हम प्रदूषण की वजह से मरने नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा पंजाब सरकार आखिर किसानों के सगठन से बात क्यों नहीं करती। उनका सगठन बेहद एक्टिव है। राज्य सरकार को बात करनी चाहिए।

जल स्तर नीचे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "पंजाब में जल स्तर नीचे जा रहा है। हम वहां एक और रेगिस्तान नहीं चाहते। धान का उत्पादन चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की जरूरत है।" राष्ट्रीय राजधानी में आज हुई बारिश पर जस्टिस संजय किशन कौल का कहना है कि लोगों को सिर्फ प्रार्थना करनी है, कभी हवा आती है और मदद मिलती है, तो कभी बारिश होती है. जस्टिस कौल कहते हैं, 'भगवान ने लोगों की प्रार्थनाएं सुनी होंगी और हस्तक्षेप किया होगा, सरकार को धन्यवाद नहीं।' जस्टिस कौल ने कहा कि हम केवल प्रदूषण की पहचान ही कर रहे हैं। आप यह करना चाहते हैं, आप कर सकते हैं। जनता को केवल प्रार्थना करनी है।

पंजाब सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने क्या पूछा?

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह चाहता है कि खेतों में आग रुके। अदालत ने कहा कि आप जैसा चाहें वैसा करें, लेकिन खेत की आग को रोकी जानी चाहिए। खेत में आग रोकने के लिए कुछ आपातकालीन उपायों की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार से पूछा कि वे पंजाब में जल स्तर को बहाल करने के लिए धान को धीरे-धीरे समाप्त करने के लिए दीर्घकालिक उपाय के रूप में क्या कदम उठा रहे हैं।

किसानों की जिम्मेदारी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि किसान भी समाज का हिस्सा हैं और उन्हें अधिक जिम्मेदार होना होगा, और हमें उनकी जरूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील होना होगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है, 'लेकिन लोगों को मरने के लिए नहीं मजबूर किया जा सकता।' सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पंजाब में किसान बहुत अच्छी तरह से संगठित हैं और सरकार से पूछते हैं कि वह किसान संगठनों से बात क्यों नहीं करती और उन्हें प्रेरित क्यों नहीं करती। सुप्रीम कोर्ट का कहना है, 'प्रदूषण का स्तर कम होना चाहिए, इसके लिए कल का इंतजार नहीं किया जा सकता।'

दिल्ली में रातभर बारिश से हवा हुई साफ, प्रदूषण से मिली राहत

वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर और धुंध से पिछले 10 दिन से परेशान दिल्लीवासियों को बृहस्पतिवार को रातभर हुई बारिश के कारण राहत मिली और राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को सुबह स्पष्ट सुधार देखा गया। दिल्ली में बृहस्पतिवार शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 437 था, जो शुक्रवार सुबह सात बजे 408 और फिर दो घंटे बाद नौ बजे तेजी से सुधरकर 376 रहा। प्रदूषक तत्वों के फैलाव के लिए हवा की गति अनुकूल होने के कारण वायु गुणवत्ता में और सुधार होने की उम्मीद है। एक्यूआई पिछले 24 घंटे के आंकड़ों का औसत होता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे पिछले 24 घंटों में छह मिमी बारिश दर्ज की। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अधिकतर इलाकों में हल्की बारिश हुई। इसके अलावा नोएडा, गुरुग्राम और अन्य पड़ोसी इलाकों में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हल्की बारिश समेत मौसम संबंधी अनुकूल परिस्थितियों के कारण दीपावली से पहले वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का अनुमान जताया है।
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