राजस्थान कांग्रेस में सियासी पारे को बढ़ाएगा अजय माकन का इस्तीफा, नेतृत्व में बदलाव के लिए बनाएगा दबाव
Ajay Maken resignation : जयपुर से लेकर दिल्ली तक इस बात की चर्चा होती रही की एक बार फिर अशोक गहलोत दबाव बनाकर अपने लोगों को बचाने में कामयाब रहे। लेकिन अजय माकन के इस्तीफे ने जिन्न को फिर से बोतल से बाहर निकल दिया है।
राजस्थान प्रभारी पद से अजय माकन ने इस्तीफा दे दिया है।
Ajay Maken : राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। माकन ने 8 नवंबर को कांग्रेस के नए अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर राजस्थान में काम नही करने की इच्छा जताई है। माकन ने अपने एक पन्ने के पत्र में काम न करने की जो वजह बताई है उससे एक बार फिर राजस्थान की सियासत गरमा गई है। दरअसल, अजय माकन ने कहा है कि वह 25 सितंबर के विधायक दल की घटना से आहत हैं और वह इस माहौल में वहां काम नहीं कर सकते। माकन के इस इस्तीफे के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान जयपुर में सीएम अशोक गहलोत गुट के विधायकों की लामबंदी एवं बगावती तेवर है।
अशोक गहलोत नामांकन भरने वाले थे
गत सितंबर में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जब चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी तो उस समय अशोक गहलोत भी नामांकन करने वाले थे। इसलिए राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन के लिए तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रभारी अजय माकन और वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ऑब्जर्वर बनाकर विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर भेजा था। बैठक मुख्यमंत्री निवास पर होना था। लेकिन सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए गहलोत गुट के शांतिधारीवाल, महेंद्र राठौड़ और महेश जोशी ने आलाकमान के खिलाफ बगावत करते हुए विधायकों को बैठक में आने ही नही दिया। ऑब्जर्वर को बिना विधायक दल की बैठक कराए खाली हाथ वापिस लौटना पड़ा।
तीनों नेताओं को अनुशासनहीनता का नोटिस
इस घटना के बाद से ही राजस्थान की सियासत में बड़ा मोड़ आ गया। गहलोत मुख्यमंत्री तो बने रहे लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष पद से बाहर हो गए। कांग्रेस के नेतृत्व की तरफ से तीनों नेताओं को अनुशासनहीनता के लिए नोटिस दिया गया, लेकिन करवाई कोई नहीं की गई। जयपुर से लेकर दिल्ली तक इस बात की चर्चा होती रही की एक बार फिर अशोक गहलोत दबाव बनाकर अपने लोगों को बचाने में कामयाब रहे। लेकिन अजय माकन के इस्तीफे ने जिन्न को फिर से बोतल से बाहर निकल दिया है। अजय माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में जो कारण बताए हैं, वो कुछ इस तरह हैं–
- अजय माकन ने 8 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर राजस्थान में काम नहीं करने की इच्छा जताई।
- माकन ने एक पन्ने का पत्र लिखकर जयपुर में 25 सितंबर के घटना का हवाला देते हुए राजस्थान में काम नहीं करने की वजह बताया। ये भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में पहुंचने से पहले किसी अन्य को जिम्मेदारी मिले।
- माकन अब वापस दिल्ली की राजनीति में एनजीओ, ट्रेड यूनियन के जरिए स्थानीय मुद्दे उठाना चाहते हैं।
- माकन ने कहा कि वह तीन पीढ़ी से कांग्रेसी हैं और 40 साल से सक्रिय राजनीति में हैं। वह भविष्य में भी राहुल गांधी के सिपाही बनकर काम करते रहेंगे।
नेतृत्व परिवर्तन के लिए दबाव बनाएगा माकन का इस्तीफा
बहरहाल, अजय माकन के इस्तीफे से राजस्थान की राजनीति में जो चिंगारी लगी है, उसके चपेट में जयपुर से दिल्ली तक कई लोग आएंगे। राजस्थान में सचिन पायलट और हरीश चौधरी जैसे नेता पहले से गहलोत के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किए हुए हैं। अब माकन का इस्तीफा और उसका कारण कांग्रेस नेतृत्व को बदलाव के लिए जरूर दबाव डालेगा।
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रंजीता झा author
13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियास...और देखें
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