अजित पवार का छलका दर्द, बोले- मैं नहीं हूं शरद पवार का बेटा, इसलिए नहीं मिला मौका

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में चाचा और भतीजे भले ही अलग हो गए हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे पर जुबानी प्रहार कम नहीं कर रहे हैं। कभी शरद पवार अपने भतीजे को खरी-खोटी सुनाते हैं, तो कभी अजित पवार अपने चाचा पर तीखी टिप्पणी करते हैं। वार-पलटवार के बीच अजित ने शरद को लेकर बड़ा दावा किया है।

शरद पवार vs अजित पवार

Ajit Pawar vs Sharad Pawar: देश की सियासत में चाचा और भतीजे की जंग बड़ी दिलचस्प होती है, कभी बिहार, तो कभी उत्तर प्रदेश, कभी छत्तीसगढ़, तो कभी महाराष्ट्र से सियासी उठापटक खबरें आती हैं। महाराष्ट्र में चाचा शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच का मनमुटाव कई बार सामने आया, कभी चाचा ने भतीजे को पटखनी दी तो कभी भतीजे ने चाचा को चारो खाने चित कर दिया। बीते कुछ वक्त पहले ही अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की पार्टी को दो हिस्सों में बांट दिया और चाचा के साथ खेला कर दिया। उसके बाद दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला भले ही जारी रहा, लेकिन एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का सिलसिला जारी है।

चाचा पर भतीजे ने लगाया संगीन आरोप

इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने चाचा पर गंभीर आरोप मढ़ते हुए कहा कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के अध्यक्ष शरद पवार के बेटे नहीं हैं इसलिए उन्हें राजनीतिक अवसर नहीं मिला। राकांपा नेता अजित पवार ने कहा कि 80 साल की उम्र के बाद नए लोगों को मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने शरद पवार के इस बयान पर कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ बातचीत हुई थी लेकिन उसके साथ जाने के संबंध में बातचीत नहीं हुई थी, कहा कि कम से कम उन्होंने यह तो स्वीकार किया कि बातचीत हुई थी। अजित पवार ने साथ ही कहा कि वे बातचीत के साक्षी हैं।

ननद और भाभी के बीच हो रहा मुकाबला

महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार मैदान में हैं, इस सीट पर वोटिंग हो चुकी है और ईवीएम नाम की मशीन में दोनों की किस्मत कैद हो चुकी है। ऐसे में इस सीट पर हुए चुनाव के परिणाम इस बात की पुष्टि करेंगे महाराष्ट्र की सियासत में इस वक्त किस पवार के पास ज्यादा पावर है, अजित पवार की पत्नी को यदि जीत हासिल होती है तो सुप्रिया सुले के साथ-साथ शरद पवार के लिए तगड़ा झटका होगा और यदि सुले फिर से जीत हासिल करती हैं तो अजित पवार को ये समझ आ जाएगा कि चाचा अभी भी कमजोर नहीं हुए हैं।

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