शरद पवार ने माना, सीएम योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे ने किया हमारा नुकसान, अजित पवार पर कही ये बात

शरद पवार ने कहा, यह हमारे उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहै। यह लोगों द्वारा दिया गया निर्णय है। मुझे इस बात से सहमत होना चाहिए कि अजित पवार को हमसे अधिक सीटें मिली हैं, लेकिन महाराष्ट्र जानता है कि एनसीपी की नींव किसने रखी है।

शरद पवार

Sharad Pawar: एनसीपी संस्थापक शरद पवार ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम अप्रत्याशित हैं और कहा कि यह लोगों का जनादेश है। विधानसभा चुनावों में एमवीए की हार के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने स्वीकार किया कि उनके भतीजे अजित पवार ने 288 विधानसभा सीटों में से 41 सीटें जीतीं और कहा कि हर कोई जानता है कि एनसीपी की स्थापना किसने की थी।

महाराष्ट्र जानता है कि एनसीपी की नींव किसने रखी

शरद पवार ने कहा, यह हमारे उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहै। यह लोगों द्वारा दिया गया निर्णय है। मुझे इस बात से सहमत होना चाहिए कि अजित पवार को हमसे अधिक सीटें मिली हैं, लेकिन महाराष्ट्र जानता है कि एनसीपी की नींव किसने रखी है। बता दें कि शरद पवार का एनसीपी गुट केवल 10 सीटें ही जीत सका, जो कि 1999 में पार्टी (तब अविभाजित) की स्थापना के बाद से उसका सबसे खराब प्रदर्शन है। पिछले साल जुलाई में एनसीपी विभाजित हो गई थी जब अजित पवार और उनके प्रति वफादार विधायकों के एक समूह ने शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार से हाथ मिला लिया। अजित पवार बाद में उप मुख्यमंत्री बने थे।

योगी आदित्यनाथ के नारे 'बटेंगे तो कटेंगे' से हुआ ध्रुवीकरणकुछ एनसीपी नेताओं द्वारा उनसे संन्यास लेने के लिए कहने पर प्रतिक्रिया देते हुए 83 वर्षीय पवार ने कहा, वे यह तय नहीं कर सकते कि मुझे क्या करना चाहिए। मेरे सहयोगी और मैं फैसला करेंगे। शरद पवार ने कहा कि उन्होंने मतदान के दौरान इस तरह के धन बल का इस्तेमाल कभी नहीं देखा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गढ़े गए नारे 'बटेंगे तो कटेंगे' ने चुनावी माहौल को ध्रुवीकृत कर दिया।

उन्होंने कहा, मैंने लोगों से सुना है कि धन-बल का ऐसा इस्तेमाल पहले कभी नहीं देखा गया। जिस तरह से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने टिप्पणियां कीं, यह स्पष्ट था कि वे ध्रुवीकरण करना चाहते थे। चुनाव में ध्रुवीकरण हुआ था और उन्हें यहां (महाराष्ट्र) लाया गया था। शरद पवार ने जोर देकर कहा कि एमवीए सहयोगियों के बीच समन्वय की कोई कमी नहीं है और कहा कि वह फिर से नए उत्साह के साथ लोगों के बीच जाएंगे।

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