क्या अजित पवार की होगी वापसी? शरद पवार बोले- पार्टी के सहयोगियों से पूछूंगा
शरद पवार ने पुणे में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर बात की। यह पूछने पर कि क्या अजित पवार के लिए राकांपा-एसपी में जगह है, तो शरद पवार ने कहा, इस तरह के फैसले व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिए जा सकते।
शरद पवार
Sharad Pawar: एनसीपी प्रमुख अजित पवार की शरद पवार वाली एनसीपी में वापसी के संभावित मुद्दे पर दिग्गज नेता ने कहा है कि इस संबंध में वह पार्टी के सहयोगियों से चर्चा करेंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी में किसी भी नेता के संभावित प्रवेश पर निर्णय सामूहिक होगा। हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि अगर अजित पवार वापस आना चाहते हैं तो उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा या नहीं।
फैसला निजी स्तर पर नहीं लिया जा सकता
शरद पवार ने पुणे में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर बात की। जब पत्रकारों ने विशेष रूप से पूछा कि क्या अजित पवार के लिए राकांपा-एसपी में जगह है, तो शरद पवार ने कहा, इस तरह के फैसले व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिए जा सकते। संकट के दौरान मेरे साथ खड़े रहे मेरे सहयोगियों से पहले पूछा जाएगा। अजित पवार जुलाई 2023 में अविभाजित राकांपा से अलग होकर एकनाथ शिंदे नीत राज्य सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न भी हासिल कर लिया था। लोकसभा चुनाव में अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा के चार में से तीन सीट पर हारने के बाद से उनके खेमे में उथल-पुथल की अटकलें हैं।
शरद पवार का सरकार पर कटाक्ष
वहीं, शरद पवार ने कहा कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में मिले झटके के बाद महायुति सरकार को नयी योजनाएं शुरू करके ‘भाइयों और बहनों’ के कल्याण के बारे में सोचने को मजबूर होना पड़ा। पवार ने संवाददाताओं से बातचीत में राज्य पर कर्ज के बोझ का हवाला देते हुए माली हालत पर चिंता जताई। शिवसेना नीत महायुति सरकार ने राज्य में ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ शुरू की है जिसमें पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये महीने की वित्तीय सहायता देने का वादा किया गया है और ‘लाडका भाऊ’ संभावित नाम वाली योजना के तहत रोजगार प्रशिक्षण और मानदेय देने का विचार है।
अब भाइयों और बहनों की भलाई पर ध्यान
पवार ने कहा कि जयंत पाटिल और अजित पवार को कई बार राज्य का बजट पेश करने का अवसर मिला लेकिन बहनों और भाइयों के लिए इस तरह की योजनाएं उनके बजट में कभी नहीं दिखीं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, तारीफ की बात है कि भाइयों और बहनों की भलाई पर ध्यान दिया जा रहा है लेकिन यह जादू लोकसभा चुनाव में मिले वोट का ही है। अगर मतदाता समझदारी से अपना वोट डालें तो बहनों, भाइयों और अन्य सभी को याद किया जाएगा।
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