अजमेर शरीफ विवाद पर ये क्या बोल गए रामगोपाल यादव, जजों पर कर दी आपत्तिजनक टिप्पणी

Ajmer Sharif Controversy: सपा नेता रामगोपाल यादव ने अजमेर शरीफ विवाद मामले में जजों पर ही आपत्तिजनक बयान दे दिया है। रामगोपाल ने कहा कि छोटे-छोटे जज देश में आग लगवाना चाहते हैं। रामगोपाल यादव ने कहा कि पूरी दुनिया से लोग अजमेर शरीफ आते हैं और हमारे प्रधानमंत्री भी दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं। सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं और इस मामले में भी यही हो रहा है।

Ram Gopal Yadav

सपा नेता रामगोपाल यादव ने जजों को लेकर की आपत्तीजनक टिप्पणी

Ajmer Sharif Controversy: अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव का बयान सामने आया है। रामगोपाल यादव ने मामले में जजों पर ही आपत्तिजनक बयान दे दिया है। कोर्ट द्वारा मामले पर सुनवाई पर राजी होने पर रामगोपाल ने कहा कि छोटे-छोटे जज देश में आग लगवाना चाहते हैं। हाल में उन्होंने रिटायर हो चुके चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को लेकर भी विवादित टिप्पणी कर दी थी और बाद में यूटर्न ले लिया था। रामगोपाल यादव ने आगे कहा कि पूरी दुनिया से लोग अजमेर शरीफ आते हैं और हमारे प्रधानमंत्री भी दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं। सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं। अजमेर शरीफ मुद्दे पर एएनआई से बात करते हुए सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि ऐसा है मैंने पहले भी कहा था, इस तरह के छोटे-छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं। कोई मतलब नहीं है इसका। अजमेर शरीफ पर हमारे प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं। देश दुनिया से लोग वहां आते हैं। उसको विवादों में डालना बहुत ही घृणित और ओछी मानसिकता का प्रतीक है। सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं, देश में आग लग जाए इससे इन्हें कोई मतलब नहीं है। सत्ता में बने रहें बस।' उनसे सवाल किया गया था कि नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि उन्हें इस मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया है।

अदालत ने वाद स्वीकार करते हुए जारी किया नोटिस

बता दें, राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए एक वाद अदालत में दायर किया गया है। अदालत ने बुधवार को याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए तीन पक्षकारों को नोटिस भी जारी किया। वादी विष्णु गुप्ता के वकील योगेश सिरोजा ने अजमेर में बताया कि वाद पर दीवानी मामलों के न्यायाधीश मनमोहन चंदेल की अदालत में सुनवाई हुई। सिरोजा ने कहा कि दरगाह में एक शिव मंदिर होना बताया जा रहा है। उसमें पहले पूजा पाठ होती थी। पूजा पाठ दोबारा शुरू करवाने के लिये वाद सितंबर 2024 में दायर किया गया। अदालत ने वाद स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किए हैं।' उन्होंने बताया कि इस संबंध में अजमेर दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) कार्यालय-नई दिल्ली को समन जारी हुए हैं। इस बीच रामगोपाल यादव ने संभल हिंसा पर कहा कि संभल घटना में प्रशासन सौ फीसदी दोषी है। जिस दिन निष्पक्ष जांच होगी, कई वरिष्ठ अधिकारी जेल जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज फिर मैंने संभल मुद्दे पर सदन में नोटिस दिया है।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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