अखिलेश यादव ने किया दिल्ली जाने का फैसला, बने सपा संसदीय दल के नेता; विधायकी से देंगे इस्तीफा

UP Politics: यूपी के मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक अखिलेश यादव अब इस्तीफा देने वाले हैं। कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा छोड़ने का फैसला लिया है। अखिलेश को समाजवादी पार्टी संसदीय दल का नेता चुना गया है। आपको रणनीति समझाते हैं।

Akhilesh Yadav Plan for Delhi Politics

अखिलेश यादव ने बनाया बड़ा राजनीतिक प्लान।

Akhilesh Yadav in Delhi Politics: समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव 2024 में ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला किया है, अब नई रणनीति पर काम करेंगे। अखिलेश यादव विधायक पद छोड़ेंगे और दिल्ली की राजनीति में सक्रिय होंगे। दरअसल, अखिलेश को सपा संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है। मतलब साफ है, वो अब सांसद के रूप में काम करेंगे।

अखिलेश यादव छोड़ेंगे करहल विधानसभा

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक अखिलेश यादव अब इस्तीफा देने वाले हैं। कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा छोड़ने का फैसला लिया है। अखिलेश को समाजवादी पार्टी संसदीय दल का नेता चुना गया है। अब वो विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे।

अखिलेश के चाचा को मिलेगी यूपी की कमान?

अब सवाल ये है कि यदि अखिलेश यादव दिल्ली का रुख कर रहे हैं तो उत्तर प्रदेश विधानसभा में उनकी जगह कौन लेगा। तो आपको बता दें कि यूपी में अखिलेश अपने चाचा के कंधों पर बड़ा जिम्मा सौंप सकते हैं। बताया ये जा रहा है कि शिवपाल यादव यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं।

अखिलेश ने दमदार परिणाम से किया हैरान

लोकसभा चुनाव के नतीजों मे उत्तर प्रदेश ने पूरे देश को चौंका दिया। अखिलेश यादव की सपा उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और भारतीय जनता पार्टी द्वारा राम मंदिर निर्माण का मुद्दा प्रमुखता से उठाने के बावजूद भाजपा को मजह 33 सीटों पर जीत मिली। सपा का शानदार चुनावी प्रदर्शन जमीनी स्तर पर अखिलेश की लोकप्रियता और उनकी राजनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है।

सपा की स्थापना के बाद सबसे बेहतर प्रदर्शन

चुनावी परिणाम में यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से सपा ने 37 सीटों पर जीत हासिल कर ली, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने भी छह सीट पर जीत दर्ज की है। सपा की स्थापना के बाद लोकसभा चुनावों में यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इसका श्रेय अखिलेश यादव को जाता है। इससे पहले वर्ष 2004 के चुनाव में मुलायम के नेतृत्व में सपा ने 35 सीटों पर जीत हासिल की थी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव ने न केवल अपनी पारिवारिक एकता कायम की है, बल्कि 2019 में बसपा से गठबंधन के बावजूद सिर्फ पांच सीटें जीतने वाली सपा ने अकेले (यादव) परिवार में ही पांच सीटें हासिल कर ली हैं। वर्ष 2019 में अकेले 62 सीट पर जीत हासिल करने वाली भाजपा को इस बार बड़ा झटका लगा।

यूपी की कन्नौज सीट से अखिलेश यादव जीते

अखिलेश यादव ने कन्नौज संसदीय सीट पर 1,70,922 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आयी। निर्वाचन आयोग के अनुसार, सपा उम्मीदवार अखिलेश यादव को कन्नौज में 6,42,292 मत मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी सुब्रत पाठक को 4,71, 370 मत प्राप्त हुए। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के इमरान बिन जफर को 81,639 मत मिले।
अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा इस चुनाव में राज्य के सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। अखिलेश वर्ष 2000 में कन्नौज सीट पर उपचुनाव में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। अखिलेश ने 2004 और 2009 चुनाव में भी जीत दर्ज की थी। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी मैनपुरी सीट से चुनाव जीत गयी हैं।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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