'प्रवचन तो आ गया लेकिन बजट कब आएगा?' अखिलेश यादव ने योगी सरकार से पूछे तीखे सवाल

UP Politics: अखिलेश यादव ने कहा, 'भाजपा ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि अगले पांच साल में वे किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देंगे। उन्होंने राज्य के किसानों की मदद के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि अवसंरचना मिशन के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का वादा किया, भामाशाह योजना के लिए 1 हजार करोड़ रुपये का वादा किया, जिसमें वे टमाटर, आलू और अन्य सब्जियों के लिए एमएसपी देंगे। घोषणापत्र में ये कुछ बिंदु थे जो नौ राज्य बजट के बाद भी पूरे नहीं हुए।'

Akhilesh Yadav Taunt on UP Sarkar's BudgetAkhilesh Yadav Taunt on UP Sarkar's BudgetAkhilesh Yadav Taunt on UP Sarkar's Budget

अखिलेश यादव ने योगी सरकार के बजट पर कसा तीखा तंज।

Akhilesh Yadav vs Yogi Sarkar: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये प्रस्तुत बजट को 'बड़ा ढोल' करार देते हुए कहा कि इसमें आवाज तो बहुत है मगर यह अंदर से खाली है। यादव यहां बजट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने बजट को समाज के तमाम वर्गों के लिए निराशाजनक करार देते हुए कहा, 'यह बजट नहीं बड़ा ढोल है, जिसमें आवाज तो बहुत है मगर यह अंदर से खाली है। यह खोखला है। इस बजट का झोला खाली है। जनता को लग रहा है कि बजट आया ही नहीं है। वह पूछ रही है कि प्रवचन तो आ गया लेकिन बजट कब आएगा?'

अखिलेश यादव का दावा- यह बजट नहीं 'बड़ा ढोल' है

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'बजट देखकर किसानों की उम्मीदों का खेत सूख गया है। बजट देखकर महिलाओं के माथे पर घर चलाने की चिंता की लकीरें और बढ़ गई हैं। बजट देखकर बेरोजगारों की आंखों के सामने अंधेरा छा गया है, व्यापारियों और दुकानदारों पर मंदी की मार और गहरा गई है।'

भाजपा विधायकों और मंत्रियों पर अखिलेश ने कसा तंज

अखिलेश यादव ने भाजपा विधायकों और मंत्रियों पर तंज करते हुए कहा, 'जो वहां (विधानसभा सदन में) मेजें पीट रहे थे, बजट देखकर भाजपा के उन मंत्रियों और विधायकों के गले सूख गए हैं क्योंकि अपने विभागों और विधानसभा क्षेत्रों में तो उन्हें ही महंगाई और बेरोजगारी के सवालों का सामना करना पड़ेगा। उन्हें गुस्से का भी सामना करना पड़ेगा क्योंकि अंततोगत्वा विधायकों और मंत्रियों को ही जनता का सामना करना पड़ता है। वह महंगाई का और बेरोजगारी का क्या जवाब देंगे?'

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