अखिलेश और राहुल में अब तक नहीं हुई सुलह, कहीं 'INDIA' की चुनौती न बन जाएं कांग्रेस-सपा का मनमुटाव
Lok Sabha Chunav: विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल पार्टियों के बीच अब तक सीट बटंवारों को लेकर फॉर्मूला तय नहीं हो सका है। उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच अब तक मनमुटाव कम नहीं हुआ, जिसका असर आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में अखिलेश के शामिल होने की संभावना नहीं है।
अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच कब थमेगा विवाद?
Rahul Gandhi Vs Akhilesh Yadav: एक वक्त था, जब राहुल गांधी ने साल 2017 में अखिलेश यादव की साइकिल की सवारी की, तो चुनावी परिणाम में वो पंचर हो गई। 2017 में जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने साथ मिलकर यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा था, तो उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। उसके बाद सपा और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं। हालांकि जब विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) में दोनों पार्टियां साथ आईं तो ऐसा लगा कि मनमुटाव कम हो जाएगा, हालांकि ऐसा अब तक नहीं हो सका है।
सपा और कांग्रेस के बीच कब थमेगा विवाद
अखिलेश की सपा और कांग्रेस पार्टी के बीच उस वक्त दरार सबसे ज्यादा गहरा गई, जब मध्य प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी की उम्मीदों को झटका लगा। एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में सपा और कांग्रेस के बीच कुछ सीटों पर बात बनी थी, ऐसा दावा अखिलेश की पार्टी के नेता कर रहे थे। हालांकि ऐन वक्त पर कांग्रेस के कमलनाथ इससे मुकर गए। यही वक्त था, जब INDIA गठबंधन में शामिल इन दोनों दलों के नेताओं ने खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया था। राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को लेकर अखिलेश यादव ने ऐसी टिप्पणी की, जिससे ये समझा जा सकता है कि अब तक ये विवाद थमा नहीं है।
'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पर क्या बोले अखिलेश?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के शामिल होने की संभावना नहीं है। पार्टी कार्यालय में बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में जब यादव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'न तो कांग्रेस हमें अपने कार्यक्रमों में बुलाती है, न ही भाजपा।' यादव ने यहां पार्टी कार्यालय से 'संविधान बचाओ, देश बचाओ समाजवादी पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) यात्रा' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों से गुजरेगी यह यात्रा
उन्होंने कहा कि यह यात्रा समाजवादी आंदोलन से संबंधित डॉ. भीम राव आंबेडकर, डॉ. राम मनोहर लोहिया और 'नेताजी' (मुलायम सिंह यादव) के विचारों को गांव-गांव तक पहुंचाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने पुराने समाजवादियों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है और यह यात्रा राज्य के कई जिलों से गुजरेगी। इसमें पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और ऊंची जातियों को एकजुट करने का प्रयास किया जाएगा।'
'संविधान को बचाने के लिए लड़ रही है सपा'
अखिलेश ने कहा कि सपा इकलौती पार्टी है, जो संवैधानिक मूल्यों और संविधान को बचाने के लिए लड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप काम नहीं मिल रहा है, बल्कि उन्हें वेटर, हेल्पर और चपरासी की नौकरियां दी जा रही है। यादव ने कहा कि 2024 बदलाव और परिवर्तन का वर्ष है। उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार से पूछा कि निवेशक शिखर सम्मेलन में 40 लाख करोड़ रुपये के सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का दावा किया गया था, उसका क्या हुआ? क्योंकि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है।
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