Criminal Laws: सरकार के नए दंड संहिता प्रस्ताव में आतंकवादी अधिनियम' फिर से परिभाषित

New Criminal Code: संशोधित बीएनएस में, जो भारतीय दंड संहिता की जगह लेगा, सरकार ने महिलाओं के प्रति "क्रूरता" की परिभाषा में मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने को भी शामिल किया है।

प्रतीकात्मक फोटो

New Penal Code Proposal: नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय दंड संहिता (IPC) को प्रतिस्थापित करने के लिए निर्धारित आपराधिक संहिता, भारतीय न्याय संहिता पर अपने विधेयक में "आतंकवादी अधिनियम" को फिर से परिभाषित किया है। संशोधित विधेयक की नई परिभाषा में अब देश की आर्थिक और मौद्रिक सुरक्षा के लिए खतरे भी शामिल हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद की स्थायी समिति की ओर से सुझाए गए संशोधनों के मद्देनजर मंगलवार को लोकसभा में आपराधिक कानूनों से संबंधित तीन विधेयकों को वापस ले लिया और इनकी जगह नए विधेयक पेश किए।शाह ने संसद के मानसून सत्र में सदन में पेश किए गए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को वापस लेने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने मंजूरी दी।

शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को सदन में ये विधेयक पेश किए थे

इसके बाद उन्होंने नए विधेयकों को पेश किया।भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लेने के लिए लाया गया है। शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को सदन में ये विधेयक पेश किए थे। बाद में इन्हें गृह मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था।

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