All Weather Road: 4 धाम यात्रा को चार चांद लगाएगा ऑल वेदर रोड, उत्तराखंड की तस्वीर बदल देगी यह परियोजना
All Weather Road : उत्तराखंड के राजमार्गों की मौजूदा हालत बेहतर बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने चारधाम महामार्ग विकास परियोजना की शुरुआत की। सरकार इस योजना के जरिए सभी चार धामों-गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने वाली सड़कों की मरम्मत, उन्हें उन्नत एवं उनका विकास करेगी।
उत्तराखंड में विकास के नए अवसर लाएगी यह परियोजना।
All Weather Road : उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए बन रही ऑल वेदर रोड पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि 825 किलोमीटर लंबी चार धाम यात्रा ऑल वेदर रोड का लगभग 601 किलोमीटर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने वाले पांच राष्ट्रीय राजमार्गों का सुधार किया जा रहा है, जिसमें कैलास-मानसरोवर यात्रा का टनकपुर से पिथौरागढ़ खंड भी शामिल है।
राजमार्गों पर बांस की 'बाहु बल्ली' बाड़ लगाने के बारे में गडकरी ने उच्च सदन को बताया कि यह स्टील बाड़ का विकल्प है और पर्यावरण के अनुकूल भी है। उन्होंने कहा कि इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीणों एवं आदिवासियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा, 'इस प्रकार की 'बाहु बल्ली' बाड़ का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। सभी परीक्षण किए जा चुके हैं और इस्पात के बदले बांस के बैरियर विकसित किए जा रहे हैं। सभी मंजूरी मिल गई हैं।'
क्या है चार धाम हाईवे प्रोजेक्ट
उत्तराखंड के राजमार्गों की मौजूदा हालत बेहतर बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने चारधाम महामार्ग विकास परियोजना की शुरुआत की। सरकार इस योजना के जरिए सभी चार धामों-गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने वाली सड़कों की मरम्मत, उन्हें उन्नत एवं उनका विकास करेगी। इस परियोजना के लिए 12,000 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। कहा जाता है कि इस परियोजना के पूरी होने के बाद 1100 किलोमीटर के दायरे में फैले उत्तराखंड के राजमार्ग सभी मौसम में खुले रह पाएंगे।
उत्तराखंड के लिए क्यों जरूरी है यह परियोजना
उत्तराखंड को देवभूमि के रूप में जाना जाता है। पर्यटन यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या भक्त एवं श्रद्धालु हेमकुंड साहिब और चारधाम की यात्रा पर आते हैं। लेकिन बारिश के मौसम में जगह-जगह भूस्खलन होने से राजमार्ग पर यातायात बाधित होता है। भूस्खलन की वजह से यात्राएं रोकनी पड़ती हैं। इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है। बारिश जनित घटनाओं की वजह से हर साल लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। माना जाता है कि यह परियोजना सड़क सुरक्षा एवं राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
परियोजना से होंगे कई तरह के लाभ
यह सड़क परियोजना राज्य की अर्थव्यवस्था सुधारने के साथ ही निवेश के लिए उद्योग-धंधों को आकर्षित करेगी। परियोजना के तहत निर्मित दो लेन की सड़क, पुल एवं सुरंग यात्रा में लगने वाले समय की बचत करेंगे। वाहनों में ईंधन की खपत भी कम होगी। राजमार्ग बनाए गए नए साइनबोर्ड चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग में मदद करेंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही चीन सीमा पर सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाने में सेना को मदद मिलेगी।
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