सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को हाई कोर्ट से मिली खुशखबरी! संभल हिंसा मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक
Sambhal News: यूपी के संभल में हुई हिंसा मामले में मुख्य आरोपी समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को थोड़ी राहत मिली है। सांसद की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए, उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सपा सांसद पर बिजली चोरी का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। हालांकि उनकी इस अपील को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया, जिसमें उन्होंने खुद के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी।
संभल हिंसा मामले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क को अदालत से मिली राहत।
Ziaur Rahman Barq: समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को संभल हिंसा मामले में उच्च अदालत से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जामा मस्जिद में सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में आरोपी सांसद जियाउर्रहमान बर्क की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को रोक लगा दी। हालांकि, अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद बर्क के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुन ली सपा सांसद की गुहार
उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान मुख्य आरोपी हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में उनकी गुहार सुन ली है। अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हालांकि उन्होंने अपनी जिस याचिका में खुद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी, उसे अदालत ने अस्वीकार कर लिया है।
हिंसा भड़काने के आरोप में नामजद मुकदमा है दर्ज
संभल जिले के थाना संभल में जियाउर्रहमान बर्क पर सर्वेक्षण के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। इस हिंसा में चार लोगों की मृत्यु हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति अजहर हुसैन इदरीसी की पीठ ने जियाउर्रहमान बर्क के वकील इमरान उल्लाह और अपर शासकीय अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद सांसद की याचिका पर यह फैसला दिया। अदालत ने अपने आदेश में इस मामले की जांच जारी रखने और जियाउर्रहमान बर्क को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर क्या है आरोप?
सांसद जियाउर्रहमान पर आरोप है कि उनके भड़काऊ सांसद के कारण ही संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी। पुलिस ने ये आरोप लगाए हैं। हालांकि सपा सांसद ने अदालत में दायर किए अपनी याचिका में ये हवाला दिया है कि वो एक पढ़े-लिखे इंसान हैं, उन्होंने ये दावा किया कि इस हिंसा से उनका कोई कनेक्शन नहीं है। उन्होंने ये भी अपील की है कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
स्थानीय कोर्ट के आदेश पर बीते 24 नवंबर को संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए थे।
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आयुष सिन्हा author
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
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