Amarnath Yatra 2023 स्थगितः दोनों रूट्स पर बारिश के चलते हालत खराब, जानिए कब से होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन
Amarnath Yatra 2023: इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रामबन) मोहिता शर्मा ने बताया कि जिले के चंदेरकोट इलाके में यात्रा स्थगित कर दी गई है। पहलगाम क्षेत्र में खराब मौसम के कारण यात्रा स्थगित हुई।
Amarnath Yatra 2023: तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा फिलहाल के लिए निलंबित कर दी गई है। कश्मीर के कई हिस्सों में बारिश के चलते शुक्रवार (सात जुलाई, 2023) को इसे स्थगित कर दिया गया। अफसरों ने इस बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि बालटाल और पहलगाम...दोनों ही रूट्स पर खराब मौसम को देखते हुए यात्रा को स्थगित किया गया है। किसी भी श्रद्धालु को आज सुबह गुफा की ओर जाने की अनुमति नहीं है।
अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को सुबह भारी बारिश शुरू हो गई, जिसके कारण श्रद्धालुओं की यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई। श्रद्धालुओं को बालटाल और नूनवान आधार शिविरों में रोक दिया गया, जबकि इससे पहले तड़के करीब पौने चार बजे 7,000 से अधिक श्रद्धालुओं का नया जत्था जम्मू स्थित आधार शिविर से अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुआ था। श्रद्धालु वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 247 वाहनों में भगवती नगर आधार शिविर से घाटी की तरफ बढ़े थे।
उन्होंने आगे जानकारी दी कि 153 वाहनों के काफिले में पहलगाम जा रहे 4,600 तीर्थयात्रियों को चंदेरकोट में रोक दिया गया। वहीं, 2,410 तीर्थयात्रियों को लेकर 94 वाहनों में बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुए एक और काफिले को आगे जाने की इजाजत दे दी गई। मौसम ठीक होते ही यात्रा फिर से शुरू कर दी जाएगी।
दरअसल, यात्रा इस साल 30 जून को शुरू हुई थी और तब से लेकर अब तक कुल 43,833 तीर्थयात्री (खबर लिखे जाने तक) जम्मू आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना हो चुके थे। हिमलिंगम के दर्शन कर चुके तीर्थयात्रियों की संख्या 84,000 से अधिक हो गई। दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,888 मीटर की ऊंचाई पर गुफा मंदिर की 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम और गंदेरबल जिले के बालटाल स्थित दोनों मार्गों से शुरू हुई। यह यात्रा 31 अगस्त को समाप्त होगी।
बूढ़ा अमरनाथ यात्रा 18 अगस्त सेउधर, खबर है कि जम्मू के पुंछ में बूढ़ा अमरनाथ यात्रा 18 से 27 अगस्त तक मंडी की पहाड़ियों में होगी। अधिकारियों के अनुसार, यात्रा का समापन 28 अगस्त को श्रीदशनामी अखाड़ा पुंछ से श्री बूढ़ा अमरनाथ मंदिर मंडी तक छड़ी मुबारक यात्रा के साथ होगा। पुलिस उपायुक्त के साथ बैठक में हितधारकों ने तीर्थयात्रियों के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, शौचालय, पेयजल, चिकित्सा और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं की जरूरत को रेखांकित किया। दरअसल, बाबा बूढ़ा अमरनाथ मंदिर को 'चट्टानी बाबा अमरनाथ मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव का यह मंदिर जम्मू के उत्तर पश्चिम में 290 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से 4,600 मीटर की ऊंचाई पर है।
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