नाइट विजन कैमरे से लैस ड्रोन का कमाल, BSF ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर मवेशियों को तस्करों से बचाया

नाइट विजन कैमरे से लैस ड्रोन के जरिये सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक महीने के भीतर भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मवेशी तस्करी के एक और प्रयास को विफल कर दिया है।

नाइट विजन कैमरे से लैस ड्रोन के जरिये भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की निगरानी

नई दिल्ली: हाल ही में नाइट विजन कैमरे से लैस ड्रोन का उपयोग करते हुए सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक महीने के भीतर भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मवेशी तस्करी के एक और प्रयास को विफल कर दिया है और 7 मवेशियों को तस्करों से बचाया। यह छठी सफलता थी। 15 नवंबर को पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में उत्तर बंगाल फ्रंटियर के जलपाईगुड़ी सेक्टर के अंतर्गत बीएसएफ की बटालियन ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए सीमा चौकी ओरान पर मवेशी तस्करी के सभी संदिग्ध क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखने के लिए नाइट विजन वाले ड्रोन का इस्तेमाल किया था।

बीएसएफ के अनुसार शाम करीब 5.10 बजे ड्रोन ऑपरेशन में छह-सात पशु तस्करों की गतिविधियां देखी गईं। जो दहाग्राम अंगरापोटा मुख्य स्तंभ 4/11-एस के अनुरूप सात मवेशियों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर आ रहे थे। बीएसएफ ने कहा कि गश्ती दल सीमा चौकी ओरन को सतर्क कर दिया गया। जब भी पशु तस्कर करीब आए बीएसएफ पार्टी ने उन्हें चुनौती दी और उन्हें पकड़ने की कोशिश की। लेकिन पशु तस्कर अंधेरे, कोहरे, ऊबड़-खाबड़ जमीन और नदी के रास्ते का फायदा उठाकर भाग गए। बीएसएफ पार्टी ने इलाके की पूरी तरह से तलाशी ली और रात करीब 8 बजे बीएसएफ ने नाइट विजन वाले ड्रोन की मदद से बिखरे हुए सात मवेशियों को जब्त कर लिया।

बीएसएफ ने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र पर सेना द्वारा ड्रोन के उपयोग के कारण सीमा पार अपराधों, सीमा क्षेत्र में टैक्नोलॉजी से विशेष रूप से पशु तस्करी और घुसपैठ में भारी बदलाव आया है और ड्रॉन कैमरे के उपयोग के कारण तस्करी और दलाल दोनों पक्ष भयभीत हैं। इससे पहले 28 सितंबर को बीएसएफ की छठी बटालियन की सीमा चौकी ओरान के जवानों ने नाइट विजन क्षमता वाले ड्रोन की मदद से चार मवेशियों को भी पकड़ा था, क्योंकि तस्कर भारत से बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे।

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