अखिलेश यादव ने भाजपा को बताया भारतीय जमीन पार्टी, नया नामकरण करने की दी सलाह; जानें क्या है माजरा

Amendment to Waqf Act: अखिलेश यादव ने भाजपा पर ये आरोप लगाया है कि वो रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का नाम बदलकर भारतीय जमीन पार्टी रखने की सलाह दे दी। सपा सुप्रीमो ने कहा कि वक्फ अधिनियम संशोधन तो बहाना है, जमीन बेचना निशाना है।

Akhilesh Yadav on BJP

बीजेपी पर अखिलेश यादव का तीखा तंज।

Akhilesh Yadav on Waqf Act: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भाजपा पर प्रस्तावित वक्फ अधिनियम में संशोधन की आड़ में वक्फ की जमीन बेचने की योजना बनाने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह रियल एस्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अपना नाम बदलकर ‘भारतीय जमीन पार्टी’ रख लेना चाहिए।

'वक्फ बोर्ड का संशोधन भी बस एक बहाना है'

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'वक्फ बोर्ड का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है। रक्षा, रेल, नज़ूल भूमि की तरह जमीन बेचना निशाना है।' उन्होंने कहा, 'वक्फ बोर्ड की जमीनें, रक्षा जमीन, रेल भूमि, नज़ूल भूमि के बाद भाजपाइयों के लाभार्थ योजना की श्रृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : भाजपाई-हित में जारी।'

भाजपा का नया नामकरण- भारतीय जमीन पार्टी

अखिलेश यादव ने इसी पोस्ट में मांग की कि इस बात की लिखित में गारंटी दी जाए कि वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी। उन्होंने आरोप लगाया, 'भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘ज़मीन’ लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए : भारतीय जमीन पार्टी।'

अखिलेश यादव कर रहे वक्फ अधिनियम का विरोध

केंद्र की मोदी सरकार वक्फ अधिनियम में संशोधन के लिये इसी सत्र में संसद में संशोधन विधेयक ला रही है। माना जा रहा है कि संसद में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम हो जाएंगी। अखिलेश यादव पहले ही इस विधेयक का विरोध करने की बात कह चुके हैं। उन्होंने गत पांच अगस्त को संवाददाताओं से बातचीत में कहा था, 'हम लोग इसके (वक्फ अधिनियम में संशोधन संबंधी विधेयक) खिलाफ रहेंगे।'

उन्होंने कहा था, 'भाजपा के पास हिंदू-मुस्लिम करने या मुसलमान भाइयों के अधिकारों को कैसे छीना जाए, उनके अपने धर्म को लेकर उन्हें जो संविधान में अधिकार दिए गए हैं, उन्हें कैसे छीना जाए, बस यही काम है।'

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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