बीरेन सिंह ने क्यों दिया था मणिपुर के CM पद से इस्तीफा? अमित शाह ने खोला राज; बताई एक-एक बात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मणिपुर के दोनों समुदाय समझेंगे और बातचीत का रास्ता अपनाएंगे। अमित शाह ने कहा कि हमने सरकार गिराने के लिए राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया, जैसा कांग्रेस करती थी... 11 फरवरी को मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया और सभी ने दावा किया कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही थी।

Amit Shah Rajya Sabha

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

Manipur Violence: Manipur Violence: राज्यसभा ने शुक्रवार को तड़के एक वैधानिक प्रस्ताव पारित कर संघर्षग्रस्त मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की पुष्टि की। विभिन्न दलों के सांसदों ने सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि विपक्ष ने सरकार की कड़ी आलोचना की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा को बताया कि बीरेन सिंह ने आखिर क्यों मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। इस दौरान, कांग्रेस ने सरकार को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि सरकार हिंसा रोकने में विफल रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मणिपुर के दोनों समुदाय समझेंगे और बातचीत का रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि मणिपुर के दो युद्धरत समुदायों की अगली बैठक जल्द ही दिल्ली में होने वाली है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की राजनीतिक चालें मणिपुर में हिंसा से पीड़ित लोगों के घावों को ठीक नहीं कर सकती हैं।

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कांग्रेस पर जमकर बरसे शाह

अमित शाह ने कहा कि हमने सरकार गिराने के लिए राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया, जैसा कांग्रेस करती थी... 11 फरवरी को मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया और सभी ने दावा किया कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही थी। मैं सदन को बताना चाहता हूं कि उस सरकार के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास ऐसा प्रस्ताव (अविश्वास प्रस्ताव) लाने के लिए पर्याप्त सदस्य नहीं थे। इस्तीफे के बाद किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश नहीं किया और उस स्थिति में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस्तीफे से पहले और अभी महीनों तक कोई हिंसा नहीं हुई है।

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'नस्लीय हिंसा और नक्सलवाद में है अंतर'

अमित शाह ने कहा कि यह मिथक नहीं बनाया जाना चाहिए कि राष्ट्रपति शासन इसलिए लगाया गया, क्योंकि हम स्थिति को संभालने में असमर्थ थे... सात साल पहले मणिपुर में कांग्रेस की सरकार थी... साल में 225 दिन कर्फ्यू रहता था... मुठभेड़ों में 1500 लोग मारे गए... नस्लीय हिंसा और नक्सलवाद में अंतर है और दोनों से निपटने के तरीके अलग-अलग हैं... दो समुदायों के बीच हिंसा राज्य के खिलाफ हिंसा से अलग है।

'हिंसा रोकने में विफल रही सरकार'

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मणिपुर लगभग 2 सालों से जल रहा है, सरकार हिंसा रोकने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास मणिपुर में शांति लाने की कोई योजना नहीं है।

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अनुराग गुप्ता author

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