जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर अमित शाह ने की हाई-लेवल मीटिंग, कई मुद्दों पर हुई चर्चा; मनोज सिन्हा रहे मौजूद

High-Level Security Meeting: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है। इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने 2025 के लिए सुरक्षा संबंधी रोडमैप पर विस्तृत चर्चा की। आपको बताते हैं कि इस बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ।

Amit Shah High-Level Security Meeting on Jammu-Kashmir

अमित शाह और मनोज सिन्हा।

Jammu-Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से जुड़े महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर केंद्रित एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए। बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक सदानंद दाते, बीएसएफ प्रमुख दलजीत सिंह चौधरी समेत कई अधिकारी शामिल हुए। बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात भी शामिल हुए।

जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। हाल में हुए जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए शाह की यह पहली बैठक थी। सितंबर-अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनी है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का इको-सिस्टम लगभग समाप्त हो गया

गृह मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के निरंतर और समन्वित प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का इको-सिस्टम लगभग समाप्त हो गया है। उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए समन्वित तरीके से काम करना जारी रखने का निर्देश दिया।

शाह ने जीरो टेरर प्लान को मिशन मोड में लागू करने पर दिया जोर

जम्मू-कश्मीर पर उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीरो टॉलरेंस नीति के अनुरूप हम जल्द से जल्द 'आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर' के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे और इसके लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सभी सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर पूर्ण प्रभुत्व स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह मंत्रालय ने ये बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने एरिया डोमिनेशन प्लान और जीरो टेरर प्लान को मिशन मोड में लागू करने पर जोर दिया।

2025 के लिए सुरक्षा संबंधी रोडमैप पर की चर्चा

बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा सेना, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर प्रशासन, खुफिया एजेंसियों और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। वर्ष 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद, जम्मू और कश्मीर में कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन आ गई है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने 2025 के लिए सुरक्षा संबंधी रोडमैप पर विस्तृत चर्चा की।

जम्मू-कश्मीर में छिटपुट आतंकी घटनाएं जारी हैं। 20 अक्टूबर को मध्य कश्मीर में आतंकी हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले घाटी में काम करने वाले बाहरी लोगों पर भी हमले हुए थे। सूत्रों ने बताया कि शाह की अध्यक्षता वाली बैठक में हाल की आतंकी घटनाओं पर चर्चा के साथ ही आने वाले दिनों में ऐसे हमलों को रोकने के लिए उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर विचार किए जाने की उम्मीद है।

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