बीजेपी की गुजरात के लिए "शाह" नीति , इन 6 प्लान के जरिये जीत की तैयारी

गुजरात विधानसभा चुनाव में चुनौती सभी दलों के सामने है। 2022 का चुनाव अगर बीजेपी के लिए विजय रथ को रुकने नहीं देना है तो कांग्रेस के सामने चुनौती उसे रोकने की है। इन सबके बीच आम आदमी पार्टी अपनी जीत के जरिए यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि बीजेपी और कांग्रेस अब गुजराती समाज के लिए अप्रासंगिक हैं।

amit shah gangtok

अमित शाह, कद्दावर बीजेपी नेता

मुख्य बातें
  • गुजरात में दो चरणों में चुनाव
  • 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को वोटिंग
  • आठ दिसंबर को मतगणना
गुजरात का सियासी पारा सातवें आसमान पर है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी राजनीतिक दल एक्टिव मोड में आ चुके हैं, बीजेपी के लिए गुजरात का विधानसभा चुनाव किसी इम्तहान से कम नहीं है. जिसके नतीजे सीधे लोक सभा चुनाव को प्रभावित करेंगे, इसलिए चुनाव की कमान सीधे अमित शाह ने अपने हाथों में ले रखी है..अमित शाह ने जीत के लिए ऐसा ब्लू प्रिंट तैयार किया है जिसमें सेंध लगाना विपक्ष मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है क्या है बीजेपी की गुजरात के लिए "शाह" नीति पढ़िए हमारी सुपर Exclusive Report ..
गुजरात विधान सभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, दो चरणों में चुनाव कराएं जाएंगे , बीजेपी पिछले दो दशक से गुजरात की सत्ता पर काबिज़ है और एक बार फिर वो सत्ता में वापसी के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है.. बीजेपी के इस अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी एक बार फिर अमित शाह के कंधो पर है।अमित शाह चार दिनों के गुजरात प्रवास पर है इस दौरान वो ताबड़तोड़ बैठक कर जीत का प्लान तैयार कर रहे हैं

रणनीति नंबर 1

अमित शाह की अगुवाई में हुई बैठक में बीजेपी ने रणनीति बनाई है की चुनाव को मोदी के चेहरे पर केंद्रित रखना है..आम आदमी पार्टी ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है, बीजेपी चाहती है की मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा जाए जिसका फायदा संगठन को मिले, क्योंकि मोदी के नाम पर सभी कैंप एक हो जाएंगे

रणनीति नंबर 2

बूथ जीते चुनाव जीतो..बीजेपी की नई रणनीति बूथ मैनेजमेंट से लेकर पन्ना प्रमुख तक सबको एक्टिव करने की है..चुनाव के दिन आम वोटर को बूथ तक लेना जाना इनकी जिम्मेदारी होगी..इसलिए पार्टी ने गुजरात को चार जोन में बांट कर सबकी जिम्मेदारी तय कर दी है ...

रणनीति नंबर 3

बीजेपी दो दशक से गुजरात की सत्ता पर काबिज़ है ऐसे में स्वाभाविक है लोगों की सरकार से नाराज़गी होगी, इसी नाराज़गी को दूर करने के लिए बीजेपी 25 फीसदी करेंट विधायकों का टिकट काटेगीइसके अलावा उन लोगों का टिकट भी कटेगा जिन्होंने अपने क्षेत्र में राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक नहीं पहुंचाया है साथ ही क्षेत्र की जनता में जिनके लिए नाराजगी है।

रणनीति नंबर 4

50 हज़ार से ज़्यादा केंद्रों पर बीजेपी ने तैयार किये बूथ योद्धा.. पार्टी ने ज़मीन पर 51700 केंद्रों पर बूथ योद्धा तैयार किए हैं। जो घर घर जाकर मतदान के लिए लोगों को जागरूक करेंगे। पार्टी ने नई रणनीति के तहत हर घर से कम से कम 3 वोट पाने का एवरेज लक्ष्य अपने कार्यकर्ताओं को दिया है। इसके लिए पन्ना प्रमुखों को भी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है..

रणनीति नंबर 5

नए वोटर्स और लाभार्थियों पर नज़र.. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा राज्य के गरीब लोगों को कई योजनाओं का सीधा लाभ मिला है, बीजेपी ने इन लाभार्थियों की एक सूची तैयार की है, बीजेपी को लगता है की ये इस बार के चुनाव में बीजेपी को सपोर्ट करेंगे, साथ ही युवा वोटर्स पर बीजेपी की नज़र है

रणनीति नंबर 6

तकनीक का भरपूर इस्तेमाल... चुनाव के दौरान एक लड़ाई मैदान में लड़ी जाती है तो एक लड़ाई परसेप्शन की सोशल मीडिया पर लड़ी जाती है और आज के दौर में तकनीक का इस्तेमाल कर पार्टियां वोटर्स को लुभाने का काई मौका नहीं छोड़ती..और बीजेपी ने इसके लिए वॉर रूम तैयार किया है। गुजरात की सत्ता पर काबिज 27 साल से बीजेपी एक बार फिर से सत्ता में बने रहने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी प्रयास के तहत सूबे को 4 जोन में तो बांटा ही गया है और अब तक अमित शाह तीन ज़ोन के पदाधिकारियों बूथ कार्यकर्ताओं से बैठक कर चुके हैं।
सभी विधानसभा सीटों के आब्जर्वर के साथ में मुलाकात कर चुके हैं उसके बाद भारतीय जनता पार्टी बड़े स्तर पर हर विधानसभा में हर जिले में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन भी करेगी इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने साथ ऐसी 60 विधानसभाओं को चुना है जिनमें उसकी हार का अंतर बहुत कम था। उन विधानसभाओं में ना सिर्फ बाहर के राज्यों के नेताओं को बल्कि कैडर को मजबूती देते हुए पन्ना प्रमुखों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है जिसके तहत ज्यादा से ज्यादा मतदान कराना भारतीय जनता पार्टी के बूथ कार्यकर्ता की जिम्मेदारी होगी।
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लेटेस्ट न्यूज

रविकांत राय author

सत्ता के गलियारों से आम जनमानस से जुड़ी हर ख़बर पर पैनी नज़र, । राजनीति के हर दांव पेंच से वाकिफ, 13 सालों में दो लोकसभा चुनाव और कई राज्यों के विधान ...और देखें

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