Times Now Summit 2022:अमित शाह ने बताया, क्यों मोदी सरकार की योजना नही है रेवड़ी कल्चर
Times Now Summit 2022:अमित शाह ने गुजरात चुनाव में रेवड़ी कल्चर का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य का पूरा बजट 2.42 लाख करोड़ रुपये हैं, जबकि वादे 3.60 लाख करोड़ रुपये के कर दिए गए। ऐसे में कहां से रेवेन्यू जेनरेट करेंगे। जहां तक मोदी सरकार की योजनाओं की बात है, तो उसमें रेवड़ी कल्चर से मूलभूत अंतर है।
मुख्य बातें
- गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का मकसद लोगों की जीवन सुधारना है।
- रेवड़ी कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट कर रहा है सुनवाई।
- आम आदमी पार्टी और भाजपा विकास म़ॉडल में आमने-सामने
Times Now Summit 2022: रेवड़ी कल्चर (Freebies) पर एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह ने हमला बोला है। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर कहा है कि, इनके जरिए केंद्र सरकार ने लोगों के जीवन स्तर को सुधारा है। जबकि दूसरे राजनितिक दल रेवड़ी कल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को टाइम्स नाउ समिट 2022 में आम आदमी पार्टी का बिना नाम लिए कहा कि लोग कुछ भी वादे किए जा रहे हैं। गुजरात चुनाव में ऐसे वादे हो रहे, जो कहां से पूरा करेंगे, इसका पता नहीं है। टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार से फायरचैट राउंड में कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का मकसद लोगों की जीवन सुधारना है न कि रेवड़ी कल्चर को बढ़ावा देना।
गुजरात में कर दिए 3.60 लाख करोड़ के वादे
अमित शाह ने गुजरात चुनाव में रेवड़ी कल्चर का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य का पूरा बजट 2.42 लाख करोड़ रुपये हैं, जबकि वादे 3.60 लाख करोड़ रुपये के कर दिए गए। ऐसे में कहां से रेवेन्यू जेनरेट करेंगे। जहां तक मोदी सरकार की योजनाओं की बात है, तो उसमें रेवड़ी कल्चर से मूलभूत अंतर है।
जैसे हमने लोगों के घरों में बिजली पहुंचाई, गैस पहुंचाए, शौचालय बनवाएं, लोगों के घर बनवाए। यह सब इसलिए करना पड़ा कि पिछले 70 साल में कुछ लोग बहुत आगे निकल गए, लेकिन एक बड़ा तबका पीछे रह गया। ऐसे में उस अंतर को कम करने की जरूर थी। जिससे कि गरीब तबका केवल दो जून की रोटी के ही सोच में न रह जाय।
रेवड़ी क्लचर से ऐसे है अंतर
- अमित शाह ने कहा कि हमने लोगों के घरों में बिजली पहुंचाई है लेकिन बिजली का बिल लोग ही दे रहे हैं।
- इसी तरह लोगों के घरों में LPG पहुंचाया लेकिन उनको रीफिल लोग करा रहे हैं।
- लोगों के घर और शौचालय बनवाएं तो उसको मेंटेन लोग ही कर रहे हैं।
जहां तक गरीब कल्याण योजना के तहत अनाज देने की बात है तो उसे कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए शुरू किया गया। यह बेहद अलग परिस्थिति थी। इसमें भी हमने लोगों के अनाज दिया है, किसी के बैंक अकाउंट में एक भी पैसा नहीं डाला है।
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