Gita Press: गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने के कांग्रेस के विरोध के बीच अमित शाह का आया ये बयान
गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने पर सियासी विवाद के बीच अमित शाह ने ट्वीट कर गीता प्रेस के योगदान के बारे में बताया है।
Amit Shah
Gita Press: गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने के फैसले पर सियासी गदर मचा हुआ है। इस फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस के विरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह का अहम बयान सामने आया है। अमित शाह ने ट्वीट कर गीता प्रेस के योगदान के बारे में बताया है। अमित शाह ने ट्वीट किया- भारत की गौरवशाली प्राचीन सनातन संस्कृति और शास्त्रों को आज अगर आसानी से पढ़ा जा सकता है, तो यह गीता प्रेस के अतुलनीय योगदान के कारण है... गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 प्रदान करना उसके द्वारा किए जा रहे कार्यों का सम्मान है।
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जयराम रमेश ने बताया उपहासगीता प्रेस को यह पुरस्कार अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा। हालांकि, कांग्रेस ने गीता प्रेस को पुरस्कार दिए जाने की आलोचना की और इसे उपहास बताया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार, गोरखपुर के गीता प्रेस को प्रदान किया जा रहा है, जो इस वर्ष अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। रमेश ने गीता प्रेस को यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद एक ट्वीट में कहा था, यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर तथा गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।
गीता प्रेस की शुरुआत वर्ष 1923 में हुई थी और वह दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इनमें श्रीमद्भगवद्गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां भी शामिल हैं। गांधी शांति पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसकी शुरुआत सरकार ने 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांधी द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को सम्मान देते हुए की थी।
गीता प्रेस ने नकद राशि लेने से किया इनकार
वहीं, गांधी शांति पुरस्कार मिलने पर कांग्रेस द्वारा आलोचना किए जाने के बाद गीता प्रेस ने नकद राशि लेने से इंकार कर दिया है। गीता प्रेस के प्रबंधक लाल मणि तिवारी ने सोमवार को कहा कि वह सरकार की तरफ से पुरस्कार स्वरूप मिलने वाले एक करोड़ रुपए की नकद धनराशि नहीं स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस सम्मान स्वरूप केवल प्रशस्ति पत्र और पट्टिका स्वीकार करेगा। बता दें कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि गीता प्रेस को यह पुरस्कार देना एक उपहास है और यह सावरकर एवं गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।
2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक समिति ने वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह पुरस्कार सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से राजनीतिक परिवर्तन के लिए उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
41 करोड़ से ज्यादा किताबें प्रकाशित
अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलना संस्था के लिए बेहद खास है। गीता प्रेस की शुरुआत गोरखपुर में वर्ष 1923 में हुई और यह दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। गीता प्रेस हिंदू धार्मिक पुस्तकों को छापने वाला दुनिया का सबसे बड़ा प्रकाशक है। संस्था अब तक 15 भाषाओं में 41 करोड़ से ज्यादा हिंदू धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन कर चुकी है।
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करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
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