'आतंकी हमले, साजिशें अब सीमारहित-अदृश्य जैसे हो गए हैं', एंटी टेरर कॉन्फ्रेंस में बोले गृह मंत्री शाह

Anti-Terror Conference-2024: गृह मंत्री ने कहा कि कई सारे राज्य अपने यहां जवानों को प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम चला रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। प्रशिक्षण में राज्यों को अगर सहायता की जरूरत है तो हैदराबाद स्थित अकादमी भी उन्हें मदद कर सकती है। गृह मंत्री ने कहा कि कई सारे राज्य अपने यहां जवानों को प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम चला रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।

Amit Shah

एंटी टेरर कॉन्फ्रेंस-2024 को संबोधित करते गृह मंत्री अमित शाह।

Amit Shah : गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के स्वरूप और इसके खिलाफ सरकार की तैयारियों के बारे में बताया है। गुरुवार को एंटी टेरर कॉन्फ्रेंस-2024 को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि तकनीक का उपयोग कैसे करना है, जब तक इसे हम अपने जवानों को प्रशिक्षित नहीं करेंगे, तब तक हम आतंकवाद से नहीं लड़ पाएंगे। हम इस वक्त जिस तरह के आतंकवाद से लड़ रहे हैं, वह एक तरह से सीमाविहीन और अदृश्य है। इससे मजबूती के साथ लड़ने के लिए सुरक्षाबलों के युवा अधिकारियों को उच्चतम तकनीक से लैस और उन्हें प्रशिक्षित करना होगा।

प्रशिक्षण के कार्यक्रम अभी पर्याप्त नहीं-शाह

गृह मंत्री ने कहा कि कई सारे राज्य अपने यहां जवानों को प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम चला रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। प्रशिक्षण में राज्यों को अगर सहायता की जरूरत है तो हैदराबाद स्थित अकादमी भी उन्हें मदद कर सकती है। आतंकवाद, आतंकवादी और इसके इको-सिस्टम से लड़ने के लिए गृह मंत्रालय आने वाले समय में 'नेशनल काउंटर टेररिज्म पॉलिसी एंड स्ट्रेटजी' लेकर आएगा। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के हमने कई समूहों का गठन भी किया है।

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार केवल कानून बना सकती है, लेकिन राज्यों में आतंकवाद से लड़ाई मुख्य रूप से प्रदेश सरकार का विषय है।

कई देशों ने अपनाई जीरो टॉलरेंस की नीति-शाह

गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद 75 साल में देश की सीमा एवं आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अब तक 36,468 पुलिस कर्मियों ने अपना बलिदान दिया है। आज के दिन वह इन सभी बहादुर कर्मियों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि देश की कमान पीएम मोदी के हाथों में आने के बाद आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाई जा रही है। इस पॉलिसी को अब दुनिया के कई देशों ने स्वीकार कर लिया है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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