मॉब लिंचिंग, नाबालिग से रेप पर अब होगी फांसी, 3 नए आपराधिक कानून विधेयकों में सख्त सजा का प्रावधान
Death penalty for mob lynching and minor rape : गृह मंत्री ने आगे कहा कि नए कानून में FIR दर्ज करने की समयसीमा तय कर दी गई है। जांच रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को सौंपने के बाद 24 घंटे के अंदर कोर्ट से सामने पेश करना होगा। मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के अंदर थाने/कोर्ट में सीधे भेजने का प्रावधान है।
मॉब लिंचिंग एवं नाबालिक से रेप के लिए अब मिलेगी फांसी की सजा।
Death penalty for mob lynching and minor rape : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन नए आपराधिक कानून विधेयक के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नए विधेयकों में मॉब लिंचिंग एवं नाबालिग से रेप के दोषियों को अब फांसी की सजा दी जा सकेगी। इसके अलावा नए कानून के तहत हिट एंड रन मामले में 10 साल की सजा होगी। गृह मंत्री ने कहा कि मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है। हम कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं।
FIR दर्ज करने की समयसीमा तय
गृह मंत्री ने आगे कहा कि नए कानून में FIR दर्ज करने की समयसीमा तय कर दी गई है। जांच रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को सौंपने के बाद 24 घंटे के अंदर कोर्ट से सामने पेश करना होगा। मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के अंदर थाने/कोर्ट में सीधे भेजने का प्रावधान है। चार्जशीट अब 180 दिन के बाद पेंडिंग नहीं रखा जा सकता। अब शिकायत करने पर 3 दिन या अधिकतम 14 दिनों के अंदर FIR दर्ज करनी होगी। 3 से 7 साल तक की सजा के मामलों में 14 दिनों के अंदर प्रारंभिक जांच पूरी करनी होगी। यानि अधिकतम 14 दिन या छोटी सजा के मामलों में 3 दिन में एफआईआर दर्ज करनी होगी।
भारतीय अपराध संहिता (IPC) के बारे में गृह मंत्री ने कहा कि यह 1860 में बना था, उसका उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना था। इसकी जगह भारतीय न्याय संहिता-2023 इस सदन की मान्यता के बाद पूरे देश में अमल में आएगी। सदन के अनुमोदन के बाद सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक-2023 अमल में आएगा।
पहली बार होगी आतंकवाद की व्याख्या
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है। जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए। कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मन अगर इटली का हो तो समझ में नहीं आएगा। मॉब लिंचिंग के लिए फांसी की सजा का प्रावधान न करने के लिए गृह मंत्री ने कांग्रेस सहित विपक्ष को घेरा।
शाह ने विपक्ष से पूछे सवाल
शाह ने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि आप क्यों नहीं ले के आये आप ने इतने साल राज किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब गुलामी की निशानी को हटा रहे हैं। मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि हमने वादा किया था कि हम राम मंदिर बनाएंगे और हमने बना लिया यह मोदी सरकार है।
CRPC में 9 नई धाराएं जोड़ी गईं
गृह मंत्री ने आगे कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है। राजद्रोह धारा पूर्ण रूप से समाप्त कर दी गई है। इस देश के खिलाफ कोई बोल नहीं सकता। बोलने वाला निश्चित रूप से जेल में जाना चाहिए। इसलिए राजद्रोह की जगह राष्ट्र द्रोह लेकर आये हैं।
राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह
राजद्रोह कानून, जिसके तहत तिलक महाराज, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानी, हमारे नायक साल सालों साल जेल में रखे गए थे। वह कानून अब तक चलता रहा था। राजद्रोह की धारा, 124(क) को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है। जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए। इसके साथ-साथ राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम किया जा रहा है।
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