JP की जयंती पर Sitab Diara में Amit Shah का दौरा: समझें- क्या हैं मायने?

Amit Shah's Sitab Diara visit: जेपी की जन्मस्थली/पुश्तैनी गांव सिताब दियारा यूपी-बिहार बॉर्डर पर है। दो प्रदेशों के साथ यह दो नदियों के बीच बसा और बंटा। यह पश्चिमी बिहार के छपरा और यूपी के बलिया में पड़ने वाले इस गांव में जेपी का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को हुआ था।

Amit Shah JP Village visit

सिताब दियारा लोक नायक जय प्रकाश नारायण (जेपी) का पुश्तैनी गांव और यह उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा है।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Amit Shah's Sitab Diara visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता लोकनायक जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) के पुश्तैनी गांव सिताब दियारा (Sitab Diara) का दौरा करेंगे। मंगलवार (11 अक्टूबर, 2022) को वह उनकी 120वीं जयंती के कार्यक्रम में शरीक होंगे और उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। शाह इस दौरान जेपी स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक भी घोषित करेंगे। वह वहां पर एक जन सभा को भी संबोधित करेंगे।
रोचक बात है कि जनता दल (यूनाइटेड) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बीजेपी की राहें अलग (एनडीए में टूट) होने के बाद यह शाह का दूसरा बिहार दौरा है। वह इससे पहले पूर्णिया में रैली कर चुके हैं और उन्होंने किशनगंज में 23 सितंबर को पार्टी कैडर की एक मीटिंग भी ली थी।
चूंकि, साल 2024 में लोकसभा चुनाव है, लिहाजा शाह जेपी की जन्मस्थली से बिहार के गोपालगंज, सीवान और सारण सरीखे क्षेत्रों के लोगों को साधने का प्रयास करेंगे। वैसे, वह जब पिछली बार वहां जब गए थे तब उन्होंने लालू यादव और नीतीश कुमार (दोनों ही संपूर्ण क्रांति आंदोलन में जेपी के चेले थे, जो कांग्रेस के खिलाफ था) को आड़े हाथों लिया था। माना जा रहा है कि वह जन सभा के दौरान उन पर जुबानी हमले बोल सकते हैं।
1970 में इमरजेंसी के खिलाफ संपूर्ण क्रांति आंदोलन खड़ा हुआ था। जेपी ही इसके जनक थे। आंदोलन में युवाओं-छात्रों के साथ विपक्षियों को एकजुट किया गया था। यह आंदोलन देखते ही देखते इतना बड़ा हो गया कि सत्ता हिली और इंदिरा को अपनी कुर्सी तक छोड़नी पड़ी।
जेपी की जन्मस्थली/पुश्तैनी गांव सिताब दियारा यूपी-बिहार बॉर्डर पर है। दो प्रदेशों के साथ यह दो नदियों के बीच बसा और बंटा। यह पश्चिमी बिहार के छपरा और यूपी के बलिया में पड़ने वाले इस गांव में जेपी का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को हुआ था।
इस गांव में खस्ता हाल सड़कों, बाढ़ के बाद पनपने वाली विकट स्थितियों और पीपा पुल बड़े चुनावी मुद्दा रहे हैं। हालांकि, सालों से समस्याएं बनी हुई हैं और लोग इनका स्थाई हल चाहते हैं। हर साल गंगा और घाघरा का पानी इस गांव के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं, क्योंकि कटान होता है। इस दौरान कई क्षेत्र और किसानों के खेत नदी के पानी में समा जाते हैं।
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अभिषेक गुप्ता author

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