गुरुद्वारे में 45 मिनट तक रुका था अमृतपाल सिंह, कपड़े बदल वहीं चखा लंगर और फिर बाइक से हो गया फरार...ग्रंथी ने सुनाई आपबीती
Amritpal Singh Latest Update: वारिस दे पंजाब के चीफ अमृतपाल सिंह की अलग-अलग वेष-भूषा में पुलिस ने सात तस्वीरें जारी की हैं। अफसरों ने इसके साथ ही लोगों से अपील की है कि वे उसे पकड़ने में पुलिस की मदद करें। सिंह की सभी तस्वीरों में एक फोटो ऐसा है, जिसमें वह क्लीन शेव लुक में नजर आया है।
पंजाब के जालंधर गांव में बाइक पर जाता हुआ अमृतपाल सिंह। (वीडियो स्क्रीनग्रैब)
इस बीच, जालंधर में चश्मदीदों ने समाचार एजेंसी एएनआई को 21 मार्च, 2023 को बताया, "हमें आज सुबह इस बारे में पता चला कि अमृतपाल अपने सहयोगियों के साथ गांव में 18 मार्च को आया था। उसने स्थानीय गुरुद्वारा में कपड़े बदले थे और फिर वहीं खाना खाया था। सिंह इसके बाद मोटरसाइकिल से चला गया था। जिन बाबा जी से पुलिस पूछताछ कर रही है, उन्हें अब कबूला है कि अमृतपाल यहां आया था।"
दरअसल, पंजाब के जालंधर में नांगल अंबियन (Nangal Ambian) स्थित गुरुद्वारा के ग्रंथी (पुजारी) रणजीत सिंह तब अपने परिजन के यहां जाने के लिए तैयार हो रहे थे तभी उन्हें बताया गया कि अमृतपाल आ गया है। यह 18 मार्च को दोपहर एक बजे के आसपास की बात है और इसी दिन पुलिस ने वारिद पंजाब दे से जुड़े लोगों पर ऐक्शन लिया था। ग्रंथी को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि पुलिस ने सिंह के खिलाफ कार्रवाई की है। उस दिन की घटना याद करते हुए रणजीत ने अंग्रेदी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' को बताया- जब मैंने सुना कि वह यहां है...मैं बड़ा परेशान हुआ था, मैंने सोचा कि उसके लोग यहां तोड़फोड़ के इरादे से आए हैं, क्योंकि उन्होंने यही चीज जालंधर में की थी।
हालांकि, ग्रंथी और गुरुद्वारे के लोगों ने तब राहत की सांस ली जब अमृतपाल के साथ वाले लोगों ने उनसे कुछ कपड़े मांगे थे। दरअसल, इन लोगों को किसी "प्रोग्रराम" में जाना था। बकौल रणजीत, "मैं थोड़ा हैरान था, मगर मैंने वही किया जो उन्होंने कहा था। हमने उन्हें अपने बेटे के कपड़े दिए।" अमृतपाल ने इसके बाद ग्रंथी की पत्नी से लंबी ट्राउजर (पतलून) मांगी थी। आगे वे लोग लंगर में बैठे और वहां उन्होंने लगभग 45 मिनट बिताए। रणजीत ने बताया- मैंने उन्हें फोन पर किसी से "माहौल" के बारे में पूछते हुए सुना था, मगर मैं असल बात नहीं समझ पाया था।
बाद में सिंह ने किसी से बात करने के लिए ग्रंथी से उनका फोन भी लिया था। वह इसके बाद वहां से चला गया था। सिंह वहां ब्रीजा से पहुंचा था और उनके बारे में जब रणजीत को खबर हुई थी तब वह काफी डर गए थे और उन्होंने इस बारे में किसी को नहीं बताया था। ऐसा इसलिए, क्योंकि ग्रंथी को यह डर था कि कहीं पुलिस उन्हें अमृतपाल का साथी न समझ बैठे। मंगलवार को पुलिस रणजीत को पूछताछ के लिए ले गई थी, मगर स्थानीय पंचायत के "दखल" के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। हालांकि, जालंधर में स्थानीय गांव वालों से जो सीसीटीवी फुटेज स्क्रीनग्रैब (जिनमें अमृतपाल नजर आया) मिले हैं, उनकी वहां की पुलिस ने फिलहाल कोई पुष्टि नहीं की है और न ही पंजाब पुलिस ने इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी दी है।
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