चेहरे पर बना था 'Tiranga' तो Golden Temple में न मिली एंट्री! स्टाफ बोला- यह India नहीं, Punjab है; देखें- VIDEO
Golden Temple Viral Video: सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरुचरण सिंह ग्रेवाल ने बताया- हमारा धर्म सभी का सत्कार करता है। पर हम साफ बताते हैं कि गुरुद्वारे में कुछ मर्यादाएं हैं। चेहरे पर झंडा बना था, पर राष्ट्रीय झंडा नहीं था। वह कांग्रेस का झंडा भी हो सकता है।
Golden Temple Viral Video: पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) स्थित स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में एक लड़की को गुरुद्वारा में कथित तौर पर एंट्री नहीं दी गई। वजह- उसके चेहरे पर बना तिरंगे वाला पेंट टैटू था। आरोप है कि गुरुद्वारे के एक स्टाफ ने लड़की से बुरा बर्ताव किया और अंदर न जाने के मसले पर कहा कि यह इंडिया नहीं, पंजाब है। वाकये के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से वीडियो रिकॉर्ड किया जा रहा था, जो कि इंटरनेट पर फिलहाल वायरल है।संबंधित खबरें
क्या है पूरा माजरा? VIDEO के जरिए समझिएसोशल मीडिया पर 40 सेकेंड की वायरल क्लिप रात के समय थी। जैसे ही वीडियो शुरू हुआ उसमें गुरुद्वारा परिसर में एक महिला का चेहरा नजर आया जिसके दोनों गालों पर तिरंगे वाला "पेंट टैटू" बना था। वह लड़की इसके बाद किसी व्यक्ति के साथ गुरुद्वारे के स्टाफ के पास जाती है।
इसी बीच, जो शख्स लड़की के साथ जाता है वह कहता है, "हां जी, सरदार जी...आप इस गुड़िया को अंदर क्यों नहीं जाने दोगे? आपने इससे क्या कहा?" कर्मचारी का जवाब आया- यह चेहरे पर फ्लैग जो बना हुआ है।संबंधित खबरें
शख्स ने फिर सवाल दागा, "यह इंडिया नहीं है?" स्टाफ का जवाब आया, "यह पंजाब है। नहीं है...यह पंजाब है।" कर्मचारी के यह कहने के बाद ही दोनों पक्षों में बातचीत गर्मा गई और जोरदार बहस होने लगी।संबंधित खबरें
SGPC के महासचिव ने किया 'डैमेज कंट्रोल', माफी भी मांगीसिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वरिष्ठ पदाधिकारी और महासचिव गुरुचरण सिंह ग्रेवाल की ओर से इस बारे में समाचार एजेंसी एएनआई को बताया गया- हमारा धर्म सभी का सत्कार करता है। हमारे यहां सभी आने की इजाजत है। किसी को रोका नहीं जाता है, पर हम साफ बताते हैं कि गुरुद्वारे में कुछ मर्यादाएं हैं।
बकौल ग्रेवाल, "चेहरे पर झंडा बना था, पर राष्ट्रीय झंडा नहीं था। वह कांग्रेस का झंडा भी हो सकता है। कई और पार्टियां भी हैं, उनका भी झंडा हो सकता है। पता नहीं क्यों इसे मुद्दा बनाया जा रहा है? उसमें अशोक चक्र नहीं था। हमें बहस में नहीं जाना है। स्टाफ का व्यवहार उसे उकसाए जाने के बाद सामने आया था। फिर भी मैं क्षमाप्रार्थी हूं। हमारा ध्यान रहता है कि यहां जो कोई भी हम उसका सत्कार करते हैं।"संबंधित खबरें
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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