अनंतनाग में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़, 2 जवान शहीद, 3 जख्मी; कश्मीर टाइगर्स ने ली जिम्मेदारी

कश्मीर टाइगर्स को पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुखौटा संगठन माना जाता है। सुरक्षाकर्मियों का दावा है कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के तुरंत बाद वे जम्मू-कश्मीर में उभरे।

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अनंतनाग में आतंकियों के साथ सेना की मुठभेड़

मुख्य बातें
  • जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़
  • कश्मीर टाइगर्स के आतंकियों को सेना ने घेरा
  • सेना के दो जवान घायल

Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के दूरदराज के इलाके में जंगल में शनिवार को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हो गए, जबकि अन्य तीन जवान घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद दक्षिण कश्मीर जिले के कोकेरनाग इलाके के अहलान गडोले में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।

सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़

अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की तरफ से सर्च पार्टियों पर गोलीबारी करने पर सुरक्षा बलों ने जवाब में गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। सुरक्षाबलों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है और आतंकियों की छानबीन की जा रही है।

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खुफिया जानकारी के बाद सेना का अभियान

मिली जानकारी के अनुसार विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर, भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा आज कोकरनाग, अनंतनाग के सामान्य क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया। इस क्रम में आतंकियों के साथ संपर्क हुआ और फायरिंग शुरू हो गई। फायरिंग के दौरान दो जवान घायल हो गए हैं और उन्हें इलाज के लिए शिफ्ट किया गया है।

कश्मीर टाइगर्स ने ली जिम्मेदारी

कश्मीर टाइगर्स ने इस मुठभेड़ में अपने आतंकियों के शामिल होने की बात स्वीकार करते हुए कहा- दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के करनाल अहलान जंगल में मुजाहिद्दीन के खिलाफ बड़े ऑपरेशन में लगे भारतीय सुरक्षा बलों और मुजाहिद्दीन इस्लाम के बीच झड़प हो गई है। सही और गलत के बीच लड़ाई जारी है। भारी गोलीबारी जारी है। मुजाहिद्दीन और भारतीय सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ जारी है। यह जंग कश्मीर की आजादी तक जारी रहेगी।

2021 में किया था बड़ा हमला

इसी संगठन ने दिसंबर 2021 में श्रीनगर के अत्यधिक किलेबंद इलाके में एक पुलिस बस पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में दो पुलिसकर्मी मारे गए थे और 14 अन्य घायल हो गए थे, जिसे बाद में अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से घाटी में सुरक्षा बलों पर पहला बड़ा हमला बताया गया था।

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शिशुपाल कुमार author

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