APSD Scam: घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं चंद्रबाबू नायडू; CID प्रमुख ने किया बड़ा दावा
Chandrababu Naidu is Prime Conspirator: आंध्र प्रदेश के सीआईडी एडीजी एन संजय ने ये दावा किया है कि एपी स्किल डेवलपमेंट घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू मुख्य साजिशकर्ता हैं। उन्होंने दावा किया है कि पूर्व सीएम नायडू ने ही अपनी क्षमता से भ्रष्टाचार करने का पूरा खाका तैयार किया था।
स्किल घोटाले में सीआईडी प्रमुख ने चंद्रबाबू नायडू को बताया मुख्य साजिशकर्ता।
Chandrababu Naidu News: आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग के प्रमुख एन संजय ने रविवार को कहा कि चंद्रबाबू नायडू एपी कौशल विकास घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नायडू ने अपने पावक का इस्तेमाल करके भ्रष्टाचार करने का पूरा खाका तैयार किया था।
स्किल घोटाले को लेकर CID प्रमुख ने किया बड़ा दावा
दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, एन संजय ने कहा, "यह 371 करोड़ रुपये के सरकारी धन का घोटाला है। यह पैसा आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा सीमेंस नामक कंपनी को नामांकन के रूप में दिया गया था। पैसा सरकार के हाथों से बाहर जा रहा था।" सीआईडी चीफ ने एपी कौशल विकास घोटाले का विवरण भी बताया और कहा कि "दी गई 371 करोड़ रुपये की राशि में से, 241 करोड़ रुपये अन्य निजी कंपनियों को भी जा रहे थे, जिसे ईडी ने भी बताया था। नायडू ने अपनी कुर्सी के बल पर से सिस्टम को प्रभावित किया। इसे सीआईडी और ईडी द्वारा उगाही के अपराध के रूप में भी देखा गया है।"
'इस घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता थे चंद्रबाबू नायडू'
सीआईडी प्रमुख एन संजय ने बताया कि "पूरा घोटाला 90:10 फॉर्मूले के प्रोजेक्शन के कारण हुआ, हालांकि सीमेंस का कहना है कि हमें इस सब से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि हमारा मुख्यालय जर्मनी में है। कई लोगों को पैसे दिए गए थे जिन्होंने प्रशिक्षण विशिष्टताओं (Training Specifics) का अनुमान लगाया था। इस घोटाले में चंद्रबाबू नायडू मुख्य साजिशकर्ता थे। उन्होंने (नायडू) और उनके तत्कालीन कौशल विकास मंत्री ने मंत्रिपरिषद के समक्ष झूठे अनुमान पेश किए।"
सीमेंस के पूर्व एमडी ने घोटाले के आरोपों से किया इनकार
आंध्र सीआईडी द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए, सीमेंस के पूर्व एमडी सुमन बोस ने कहा, "कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। यह परियोजना के बेहतरीन हिस्सों में से एक है। पूरे प्रोजेक्ट में 100 फीसदी पारदर्शिता थी। कोई शेल कंपनी नहीं थी। फर्जी चालान से संबंधित सबूत अदालत में पेश करने के लिए उन्हें इसकी जरूरत है।" यदि सारे काम किए गए तो आप कैसे कह सकते हैं कि इस परियोजना के लिए सामग्री नकली थी? अगर ऐसा होता तो इसे कैसे वितरित किया जा सकता था?"
फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू
बता दें, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने कथित कौशल विकास निगम घोटाले के सिलसिले में पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को 10 सितंबर को 23 सितंबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी कभी एनडीए का हिस्सा थी। मोदी ही उन्हें लेकर आए थे, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सरकार में भी शामिल थी, लेकिन 2019 के चुनाव से पहले टीडीपी ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था।
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