Aditya l1: सूर्य की ओर आदित्य एल1 का एक और सफल कदम, पृथ्वी की दूसरी कक्षा में मारी एंट्री

Aditya l1: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि कि इसरो ने मंगलवार तड़के यह जानकारी दी। अंतरिक्ष एजेंसी के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।

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लगातार सूर्य की ओर बढ़ रहा है आदित्य एल1 (ISRO)

मुख्य बातें
  • लगातार सूर्य की ओर बढ़ रहा आदित्य एल1
  • सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो ने लॉन्च किया है आदित्य एल1
  • भारत का पहला सूर्य मिशन है आदित्य एल1

Aditya l1: भारत का पहला सूर्य मिशन लगातार सफलता के झंडे गाड़ रहा है। एक के बाद एक तय पथ को पार करते हुए आदित्य एल1 सुर्य की ओर बढ़ रहा है। इसरो ने इसे लेकर एक बड़ा अपडेट दिया है, आदित्य एल1 ने पृथ्वी की दूसरी कक्षा में एंट्री मार ली है। अब अगले ऑर्बिट में आदित्य एल1 10 सितंबर को एंट्री मारेगा।

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कहां पहुंचा आदित्य एल1

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि कि इसरो ने मंगलवार तड़के यह जानकारी दी। अंतरिक्ष एजेंसी के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इसरो ने कहा कि मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में इस्ट्रैक/इसरो के ग्राउंड स्टेशनों ने इस ऑपरेशन के दौरान उपग्रह को ट्रैक किया। प्राप्त की गई नई कक्षा 282 किलोमीटर x 40,225 किलोमीटर है।

पहली कक्षा में एंट्री कब

आदित्य एल1 ने तीन सितंबर को पृथ्वी की पहली कक्षा में प्रवेश किया था। तब प्राप्त की गई कक्षा 245 किलोमीटर x 22,459 किलोमीटर थी। आदित्य एल1 125 दिन की यात्रा करके अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचेगा, जहां से वो सूर्य पर नजर रखेगा।

कैसा है आदित्य एल1

अभी तक आदित्य एल बिलकुछ ठीक और अपने निर्धारित पथ पर निर्धारित समय से चल रहा है। इसरो के अनिसार आदित्य एल1 उपग्रह एकदम ठीक है और यह समान्य ढंग से काम कर रहा है। आदित्य एल1 को शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था। मिशन का लक्ष्य सूर्य-पृथ्वी ‘एल1’ बिंदु पर भारत की पहली सौर वेधशाला स्थापित कर सूरज के बाहरी वातावरण का अध्ययन करना है। एल1 का मतलब ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ है, जहां अंतरिक्ष यान को स्थापित किया जाएगा। इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर रहकर सूर्य का अध्ययन करेगा। यह दूरी पृथ्वी और सूर्य की कुल दूरी का लगभग एक प्रतिशत है। अंतरिक्ष एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि यान न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही सूर्य के और करीब जाएगा।

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शिशुपाल कुमार author

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