Sawal Public Ka: एंटी हिंदू आरोपी स्टार प्रचारक, क्या लोकल टू राष्ट्रीय चुनाव तक वोट का आधार 'धर्मयुद्ध' है?

Sawal Public Ka: दिल्ली में MCD चुनाव होने वाले है। आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में राजेंद्र पाल गौतम का नाम है। ये वही हैं जिन्हें हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। अब सवाल उठता है कि एंटी हिंदू आरोपी स्टार प्रचारक, क्या लोकल टू राष्ट्रीय चुनाव तक..वोट का आधार 'धर्मयुद्ध' है?

Sawal Public Ka: अजीब हालात हैं। जो व्यक्ति दिल्ली का मंत्री नहीं रह सका क्योंकि उसका हिंदू विरोधी चेहरा सामने आया था। वो अब आम आदमी पार्टी का स्टार कैम्पेनर बन गया है। मतलब मैसेज साफ है..who cares? इस देश में करप्शन ऐसा मुद्दा रहा है जिसमें अभी तक जिस किसी पर भी आरोप लगे..उसे साबित करना होता है कि वो निर्दोष है। कानूनी तौर के अलावा कई बार पब्लिक परसेप्शन के तौर पर भी। लेकिन आज की राजनीति में एक बात अजीब दिख रही है। जिसके ऊपर करप्शन के आरोप लग रहे हैं वो कट्टर ईमानदार का तमगा लिए घूम रहा है। वो दूसरों को सर्टिफिकेट बांट रहा है। वो हर दिन चुनौती देता है। समझ में नहीं आता, ये पॉलिटिकल स्ट्रेटजी होती है या खुद को बचाने का नया तरीका।

मुझे लगता है कि जो कुछ भी हो रहा है वो वोट बैंक पॉलिटिक्स है। इसमें गीता का नया जिहादी ज्ञान है। इसमें हिंदू शब्द के नए मतलब हैं। इसमें हिंदू विरोधी बातें करने वाला स्टार प्रचारक है। इसमें करप्शन का आरोपी..बार-बार कट्टर ईमानदार कहा जाता है। इसमें जवाब मांगने पर..फिल्मी डॉयलॉग का प्रचलन है कि जाओ पहले फलां से जवाब लेकर आओ। आज सवाल पब्लिक का में इन सारे मुद्दों पर चर्चा हुई फैक्ट के साथ। और जो सबसे बड़ा सवाल होगा। वोट के लिए धर्मयुद्ध से भी परहेज नहीं है। वोट के लिए कर्म पर परसेप्शन हावी है?

हमारे पास इस वक्त कोर्ट में पेश ED के रिमांड लेटर की कॉपी है। दिल्ली के शराब घोटाले में CBI की FIR के बाद मनी लॉन्डरिंग को लेकर ED भी जांच कर रही है। ED ने इस मामले में पी शरथ चंद्र रेड्डी और बिनॉय बाबू को गिरफ्तार किया था। इन दोनों की रिमांड लेने के लिए ED ने कोर्ट में जो बातें कहीं वो बेहद गंभीर हैं।

इस रिमांड लेटर का प्वाइंट नंबर 6.7 देखिए....। इसमें लिखा है कि दिल्ली शराब घोटाले में जो सभी 34 लोग शामिल हैं या संदेह के घेरे में हैं, उन्होंने कुल 140 फोन बदले ताकि डिजिटल सबूत नष्ट किए जा सकें। बदले गए इन फोन की कीमत 1 करोड़ 20 लाख के आसपास है। इन लोगों में सभी मुख्य आरोपी, शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अफसर, दिल्ली के एक्साइज मंत्री और अन्य संदेह में आए लोग शामिल हैं। यानी साफ-साफ ED आरोपी नंबर 1 मनीष सिसोदिया को भी सबूत मिटाने के लिए कटघरे में खड़ा कर रही है। ED ने लिखा है कि घोटाला सामने आने के बाद ये फोन बदले गए।

इसी रिमांड नोट के प्वाइंट नंबर 6.8 में ED का दावा है कि एक्साइज पॉलिसी को 5 जुलाई 2021 को वेबसाइट पर डाला गया। लेकिन इस नीति और अन्य दस्तावेज को कुछ शराब निर्माताओं को 31 मई 2021 को भी लीक कर दिया गया। रिमांड नोट का अगला प्वाइंट भी बेहद गंभीर दावा करता है। इसमें कहा गया कि तीन हजार अड़तालीस (3048) मामलों में स्टॉक अपलोड का अप्रूवल रात 10 बजे से सुबह 7 बजे के बीच दिया गया। जबकि एक्साइज डिपार्टमेंट का Office Hour सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक होता है।

कमाल है भई...क्या सरकारी विभाग में नाइट ड्यूटी हो रही थी? अब ऐसे में बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा मिलना ही था। सुनिए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने क्या बयान दिया ? शराब घोटाले के सबूतों को मिटाने की कोशिश का दावा ED ने कोर्ट में किया है। और इस दावे में एक पूरा दिन बीत चुका है। लेकिन ना तो आम आदमी पार्टी का, ना अरविंद केजरीवाल का और ना ही मनीष सिसोदिया का कोई रिएक्शन इस मुद्दे पर अबतक आया है।

लेकिन शराब घोटाले के मुद्दे पर चुप्पी साध रहे केजरीवाल ने आज 10 चुनावी गारंटी जरूर दे दी। दिल्ली के MCD चुनावों में उन्होंने दिल्ली को गारंटी दी कि कूड़े के पहाड़ खत्म हो जाएंगे, वसूली बंद हो जाएगी, Parking समस्या खत्म हो जाएगी। बड़े-बड़े वादे हैं। केजरीवाल राजनीतिक मुद्दों पर बीजेपी को घेरने में कोई कसर भी नहीं छोड़ रहे हैं।

दिल्ली से लेकर गुजरात तक केजरीवाल बीजेपी के लिए चुनावी चुनौती बनने की पूरी रणनीति बनाकर बैठे हैं। लेकिन एक ओर शराब घोटाले जैसा मुद्दा है तो दूसरी ओर हिंदू विरोध का जो आरोप बीजेपी उन पर लगा रही है, उस पर आम आदमी पार्टी ने एक और बहाना बीजेपी को दे दिया।

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली MCD चुनाव में स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है, उसमें राजेंद्र पाल गौतम का नाम है। ये वही राजेंद्र पाल गौतम हैं जिन्हें हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। हिंदू विरोधी बयानों पर घिर चुके गुजरात आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने भी आज कातरगाम सीट से अपना नामांकन भरा है।

ऐसे में सवाल पब्लिक का है -

सवाल नंबर 1

करप्शन का जवाब मांगने पर..एंटी हिंदू आरोपी स्टार प्रचारक ?

सवाल नंबर 2

सबूत मिटाकर कट्टर ईमानदार बनने का आरोप कितना सही ?

सवाल नंबर 3

क्या लोकल टू राष्ट्रीय चुनाव तक..वोट का आधार 'धर्मयुद्ध' है?

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